सीएम ने दिया जवाब
MP Liquor Ban – मध्य प्रदेश सरकार ने धार्मिक स्थलों पर शराबबंदी का फैसला लिया है, जो 1 अप्रैल से लागू होगा। इस फैसले ने उज्जैन के प्रसिद्ध काल भैरव मंदिर को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं, जहां शराब को मुख्य प्रसाद के रूप में चढ़ाया जाता है। मुख्यमंत्री मोहन यादव और स्थानीय अधिकारियों ने इस विषय पर अपनी स्थिति स्पष्ट की है।
काल भैरव मंदिर में शराब प्रसाद की परंपरा | MP Liquor Ban
- उज्जैन के काल भैरव मंदिर में शराब को देवता का प्रसाद माना जाता है।
- मंदिर के बाहर प्रसाद की हर टोकरी में शराब की बोतल और नारियल शामिल होता है।
- यह परंपरा प्राचीन है और इसे देवताओं की ‘तामसिक’ प्रकृति से जोड़ा जाता है। Also Read – MP Cabinet Meeting : मध्यप्रदेश कैबिनेट के बड़े फैसले, 17 धार्मिक नगरों में शराबबंदी
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार मंदिर के पुजारी ने बताया कि इस परंपरा पर किसी भी प्रतिबंध का अब तक कोई प्रभाव नहीं पड़ा है। यहां तक कि 2016 के सिंहस्थ कुंभ के दौरान भी, प्रतिबंध के बावजूद देवता को शराब चढ़ाई गई थी।
शराबबंदी के बावजूद प्रसाद की व्यवस्था
- राज्य सरकार ने यह सुनिश्चित करने के लिए आबकारी विभाग के माध्यम से काउंटर स्थापित किए हैं कि भक्तों को प्रसाद के लिए शराब मिल सके।
- सहायक आयुक्त (आबकारी) राजनारायण सोनी ने कहा कि शराब प्रसाद के मामले में सरकार निर्णय लेगी।
- फिलहाल, मंदिर के बाहर आबकारी विभाग की निगरानी में दो शराब काउंटर संचालित हो रहे हैं।
सीएम मोहन यादव का बयान | MP Liquor Ban
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने स्पष्ट किया कि:
- “भक्त मंदिर में प्रसाद ले जा सकते हैं।”
- जब उनसे पूछा गया कि धार्मिक स्थलों पर शराब पीने पर पूरी तरह से प्रतिबंध है या नहीं, तो उन्होंने व्यंग्यात्मक अंदाज में कहा, “अगर हम दुकानें बंद कर देंगे, तो पीने के लिए शराब कहां से मिलेगी?” Also Read – MP Transfer : एमपी में मंत्रियों को मिला तबादले का अधिकार
मध्य प्रदेश में शराबबंदी का असर
- 19 पवित्र शहरों में शराबबंदी
- सरकार ने उज्जैन, इंदौर, महेश्वर, और खरगोन सहित 19 पवित्र शहरों में शराब की दुकानें बंद करने का फैसला किया है।
- इन दुकानों को कहीं और स्थानांतरित नहीं किया जाएगा।
- उज्जैन नगर निगम सीमा में पूरी तरह शराबबंदी
- उज्जैन में शराब की सभी दुकानें बंद रहेंगी।
- हालांकि, काल भैरव मंदिर में शराब प्रसाद की परंपरा जारी रहने की संभावना है।
- धार्मिक पर्यटन पर प्रभाव
- शराबबंदी का धार्मिक पर्यटन और स्थानीय अर्थव्यवस्था पर क्या असर होगा, यह देखना बाकी है।
क्या परंपरा बनी रहेगी? | MP Liquor Ban
काल भैरव मंदिर में शराब चढ़ाने की परंपरा को लेकर अभी भी स्थिति स्पष्ट नहीं है। सरकार के अगले कदम का इंतजार है, लेकिन यह तय है कि इस प्राचीन परंपरा को लेकर जनता की निगाहें इस पर टिकी हुई हैं। Also Read – MP Shikshak Bharti : पीएम श्री कॉलेजों में पढ़ाने का सुनहरा अवसर