सरकार ने पिछले अनुभवों से सीखा सबक
MP Wheat – मध्य प्रदेश सरकार ने इस बार न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर गेहूं उपार्जन का लक्ष्य घटाकर 80 लाख टन कर दिया है। पिछले वर्ष 100 लाख टन का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन केवल 48 लाख टन ही खरीदी हो पाई थी। इस अनुभव को ध्यान में रखते हुए सरकार ने योजना में बदलाव किए हैं और उपार्जन प्रक्रिया को अधिक प्रभावी बनाने के लिए नए कदम उठाए हैं।
किसानों के लिए पंजीकरण शुरू | MP Wheat
सरकार ने गेहूं उपार्जन के लिए किसानों का पंजीकरण प्रारंभ कर दिया है। इस बार किसानों को उनकी उपज का भुगतान सीधे उनके आधार कार्ड से लिंक बैंक खातों में किया जाएगा, जिससे पारदर्शिता सुनिश्चित हो सके। Also Read – MP Transfer : एमपी में मंत्रियों को मिला तबादले का अधिकार
पिछले साल की चुनौतियां
- उपार्जन में कमी: 100 लाख टन के लक्ष्य के मुकाबले केवल 48 लाख टन गेहूं खरीदा गया।
- बाजार मूल्य का प्रभाव: बाजार में समर्थन मूल्य से अधिक कीमत मिलने के कारण कई किसानों ने अपनी उपज सरकार को बेचने के बजाय बाजार में बेच दी या भंडारण कर लिया।
- गुणवत्ता में छूट: बारिश के कारण गेहूं की गुणवत्ता प्रभावित हुई, जिसके चलते सरकार ने चमकविहीन गेहूं पर मापदंडों में छूट दी थी।
इस साल की नई रणनीति | MP Wheat
- उपार्जन लक्ष्य: 80 लाख टन निर्धारित, जो पिछले वर्ष की वास्तविक खरीदी के करीब है।
- गुणवत्तायुक्त खरीदी: उपज की ग्रेडिंग सुनिश्चित की जाएगी, ताकि उच्च गुणवत्ता वाली उपज को प्राथमिकता दी जा सके।
- सीधा भुगतान: किसानों को उनकी उपज का मूल्य सीधे उनके बैंक खातों में दिया जाएगा।
- बढ़ा हुआ MSP: इस साल गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2,425 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है, जो पिछले साल के 2,275 रुपये से अधिक है।
बढ़ा हुआ बुवाई क्षेत्र
इस साल गेहूं बुवाई का क्षेत्र चार लाख हेक्टेयर बढ़कर 100 लाख हेक्टेयर हो गया है। हालांकि, सरकार ने लक्ष्य को यथार्थवादी रखने के लिए 80 लाख टन पर सीमित रखा है। Also Read – MP Cabinet Meeting : मध्यप्रदेश कैबिनेट के बड़े फैसले, 17 धार्मिक नगरों में शराबबंदी