Anubhuti Camp : उत्तर बैतूल वनमंडल में अनुभूति कैंप

Spread the love

स्कूली बच्चों ने सीखा पर्यावरण संरक्षण का महत्व

Anubhuti Camp – उत्तर बैतूल वनमंडल के वन परिक्षेत्र बैतूल में महारूख झरना, चिखलार स्थल पर स्कूली बच्चों के लिए द्वितीय अनुभूति कैंप का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम वन मंडलाधिकारी नवीन गर्ग (भा. व. से.) के निर्देशन में संपन्न हुआ। कैंप में पी.एम. श्री शासकीय कन्या विद्यालय बैतूल और सुभाष हायर सेकेंडरी स्कूल बैतूल के कुल 125 छात्र-छात्राओं ने भाग लिया।कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सेवा भारती के राष्ट्रीय सचिव एवं रेडक्रॉस सोसायटी के महासचिव, समाजसेवी रामेन्द्र सिंह घुरैया थे। इस कैंप का उद्देश्य बच्चों में वन एवं पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाना था।

Anubhuti Camp: Anubhuti Camp in North Betul Forest Division
Anubhuti Camp: Anubhuti Camp in North Betul Forest Division

कैंप की मुख्य गतिविधियां | Anubhuti Camp

1. नेचर ट्रेल और वनस्पति ज्ञान

बच्चों को नेचर ट्रेल पर ले जाया गया, जहां मास्टर ट्रेनर बी.आर. भोरपी (सेवानिवृत्त वनपाल) और वन विभाग के कर्मचारियों ने उन्हें विभिन्न वनस्पतियों और वन्यजीवों की जानकारी दी। Also Read – MP Karmchari : मध्यप्रदेश के कर्मचारियों की ग्रेच्युटी सीमा बढ़ने की उम्मीद

2. प्रतियोगिताएं और पुरस्कार | Anubhuti Camp

बच्चों में वन संरक्षण के प्रति रुचि बढ़ाने के लिए प्रश्नोत्तरी (Quiz), चित्रकला प्रतियोगिता और निबंध प्रतियोगिता आयोजित की गई।विजेताओं को पुरस्कार देकर सम्मानित किया गया।

3. डॉक्यूमेंट्री प्रदर्शन

बच्चों को मध्य प्रदेश टाइगर फाउंडेशन सोसाइटी द्वारा निर्मित डॉक्यूमेंट्री ‘वनरक्षक’ दिखाई गई। इस डॉक्यूमेंट्री ने वन विभाग के विभिन्न कार्यों और वन संरक्षण की आवश्यकता को प्रभावशाली ढंग से प्रस्तुत किया।

4. सर्प मित्र से संवाद | Anubhuti Camp

सर्प मित्र विशाल विश्वकर्मा ने बच्चों को सांपों से जुड़ी भ्रांतियों और उनके महत्व के बारे में बताया। Also Read MP Shramik : श्रमिकों के लिए बड़ी राहत: एमपी सीएम का बकाया भुगतान और रोजगार का वादा

5. सांस्कृतिक प्रस्तुतियां

बच्चों ने गायन और समूह नृत्य प्रस्तुत किए।सभी ने मिलकर कैंप का थीम सॉन्ग ‘हम हैं बदलाव’ गाया।

मुख्य अतिथि और अधिकारियों का संदेश | Anubhuti Camp

मुख्य अतिथि रामेन्द्र सिंह घुरैया ने बच्चों को भारतीय संस्कृति में वनों के महत्व को समझाया। उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति को कम से कम तीन वृक्ष अवश्य लगाने चाहिए।वन मंडलाधिकारी नवीन गर्ग ने बच्चों को पर्यावरण और पारिस्थितिकी तंत्र के महत्व के बारे में बताया और उन्हें अपने दैनिक जीवन में पर्यावरण-अनुकूल आदतें अपनाने के लिए प्रेरित किया।

विशेष आभार और समापन

परिक्षेत्र अधिकारी विनोद जाखड़ ने सभी अतिथियों, शिक्षकों, बच्चों और वन विभाग के स्टाफ का धन्यवाद किया।कार्यक्रम के दौरान अरण्य स्वयं सहायता समूह भौंरा द्वारा निर्मित महुआ बिस्किट का वितरण किया गया।उपवनमंडलाधिकारी अजय वाहने ने बच्चों को वन संरक्षण की शपथ दिलाकर कार्यक्रम का समापन किया। Also Read – MP Kisan : मध्य प्रदेश में धान और गेहूं बोनस का नया फार्मूला

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *