उनका मध्य प्रदेश से गहरा नाता
Maha Kumbh 2025 – महाकुंभ 2025 न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व का केंद्र बना हुआ है, बल्कि इस बार एक खास चेहरा सभी का ध्यान खींच रहा है। इंदौर की रहने वाली मोनालिसा, जिन्हें लोग प्यार से ‘खूबसूरत बंजारन’ कहने लगे हैं, इस आयोजन की नई वायरल सेंसेशन बन गई हैं। उनकी सादगी, पारंपरिक परिधान, और रंग-बिरंगी मालाएं बेचने का अंदाज सोशल मीडिया पर छा गया है।
कैसे बनीं वायरल सेंसेशन? | Maha Kumbh 2025
मोनालिसा का एक वीडियो, जिसमें वे अपने पारंपरिक परिधान में रंग-बिरंगी मालाएं बेचती नजर आ रही हैं, सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया। उनकी मुस्कान और आत्मीयता ने लोगों का दिल जीत लिया। ट्विटर, इंस्टाग्राम, और फेसबुक जैसे प्लेटफॉर्म्स पर यह वीडियो लाखों बार देखा जा चुका है। लोग उन्हें सिर्फ एक बंजारन नहीं, बल्कि भारतीय परंपरा और शिल्प का प्रतीक मान रहे हैं। Also Read – Mahakumbh 2025 : IIT बाबा अभय सिंह और साध्वी हर्षा रिछारिया के बीच कनेक्शन ने खींचा ध्यान
मध्य प्रदेश से गहरा संबंध
मोनालिसा का मध्य प्रदेश से गहरा जुड़ाव है। वे इंदौर में पली-बढ़ीं और पारंपरिक व्यवसाय से जुड़ी हुई हैं। महाकुंभ में वे अपने राज्य की समृद्ध संस्कृति और शिल्प को प्रदर्शित करने के लिए आई हैं। उनके द्वारा बेची जाने वाली मालाएं स्थानीय शिल्पकारों द्वारा बनाई गई हैं, जो प्रदेश की कला और परंपरा को बखूबी दर्शाती हैं।
महाकुंभ में बढ़ा आकर्षण | Maha Kumbh 2025
मोनालिसा की लोकप्रियता ने महाकुंभ में एक नया आकर्षण जोड़ दिया है। उनके स्टॉल पर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है। लोग उनकी मालाएं खरीदने के साथ उनसे बातचीत करने और तस्वीरें खिंचवाने के लिए भी उत्सुक हैं।
मोनालिसा का संदेश
मोनालिसा का कहना है कि उन्हें इस तरह से वायरल होने की उम्मीद नहीं थी। वे सभी का धन्यवाद करती हैं और चाहती हैं कि लोग भारतीय परंपरा और शिल्प को अधिक अपनाएं और उसका सम्मान करें। Also Read – Maha Kumbh 2025 : “आप इतनी सुंदर हैं तो साध्वी क्यों बनीं
सोशल मीडिया पर चर्चा | Maha Kumbh 2025
लोग सोशल मीडिया पर उनकी सादगी और आत्मीयता की जमकर तारीफ कर रहे हैं। कई यूजर्स ने लिखा है कि मोनालिसा सिर्फ एक मालाएं बेचने वाली नहीं हैं, बल्कि भारतीय संस्कृति की जीवंत प्रतीक हैं।
महाकुंभ 2025 का यह खास पहलू
मोनालिसा ने न केवल इंदौर, बल्कि पूरे मध्य प्रदेश को राष्ट्रीय स्तर पर एक नई पहचान दिलाई है। उनकी कहानी न केवल प्रेरणादायक है, बल्कि यह भारतीय परंपरा और शिल्प की ताकत को भी उजागर करती है। Also Read – Premanand Maharaj : प्रेमानंद जी महाराज ने बताया सपने में मरे हुए लोगों के नजर आने का मतलब