कर्मचारी अब भी इंतजार में
MP Sarkari Karmchari – मध्यप्रदेश में नौकरशाहों के लिए प्रमोशन का सिलसिला एक जनवरी 2025 से शुरू हो गया है। आइएएस, आइपीएस और आइएफएस अधिकारियों को वरिष्ठ वेतनमान दिया जा रहा है, जिससे उनका ओहदा भी बढ़ गया है। वहीं, राज्य के अधिकारी और कर्मचारी पिछले आठ साल से प्रमोशन का इंतजार कर रहे हैं। इस दौरान एक लाख से अधिक अधिकारी-कर्मचारी रिटायर हो चुके हैं।
कर्मचारियों की नाराजगी: दोहरी नीति का आरोप | MP Sarkari Karmchari
नौकरशाहों को प्रमोशन मिलने और कर्मचारियों को वंचित रखने से असंतोष बढ़ रहा है। प्रदेश के इतिहास में यह पहली बार हुआ है कि जहां नौकरशाहों के प्रमोशन बिना रुकावट हो रहे हैं, वहीं सामान्य कर्मचारियों को कोर्ट और सरकार के फैसलों का इंतजार करना पड़ रहा है। Also Read – MP Sarkari Karmchari : मध्य प्रदेश के कर्मचारियों के लिए सख्त निर्देश
प्रमोशन में अड़चन: क्यों उलझा मामला?
2002 में मध्यप्रदेश सरकार ने पदोन्नति नियमों में आरक्षण का प्रावधान जोड़ा। इसके तहत आरक्षित वर्ग के कर्मचारियों को प्रमोशन मिलने लगा, लेकिन सामान्य वर्ग के कर्मचारी पिछड़ गए। विवाद बढ़ने पर मामला कोर्ट तक पहुंचा।2016: मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने 30 अप्रैल को 2002 के पदोन्नति नियमों को खारिज कर दिया।
सुप्रीम कोर्ट का आदेश: सरकार ने हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी, जिसने यथास्थिति बनाए रखने का निर्देश दिया।
कमेटी और सरकार की विफलता | MP Sarkari Karmchari
कमलनाथ सरकार के समय इस मुद्दे पर हाईपावर कमेटी बनाई गई, लेकिन कोई बैठक नहीं हो सकी। शिवराज सरकार ने भी कैबिनेट कमेटी गठित की, लेकिन प्रमोशन को लेकर कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया।
कार्यवाहक प्रभार: संतोष या असंतोष?
सरकार ने कर्मचारियों की नाराजगी दूर करने के लिए कार्यवाहक प्रभार देने का विकल्प अपनाया है। पुलिस, जेल और वन विभाग के वर्दीधारी पदों पर यह व्यवस्था लागू की गई है, लेकिन कर्मचारी इससे संतुष्ट नहीं हैं। Also Read – MP News : मध्य प्रदेश में जिलों और संभागों का पुनर्गठन
नौकरशाहों को कैसे मिला फायदा ? | MP Sarkari Karmchari
नौकरशाहों ने प्रमोशन का रास्ता निकालते हुए वरिष्ठ वेतनमान का लाभ लिया। इससे उनका ओहदा बढ़ा और प्रमोशन जैसी सुविधाएं मिलीं। वहीं, कर्मचारियों के मामले में सरकार का तर्क है कि मामला कोर्ट में विचाराधीन है।
कोर्ट का रुख: प्रमोशन पर रोक नहीं
हाईकोर्ट ने कई मामलों में स्पष्ट किया है कि प्रमोशन पर रोक नहीं लगाई जा सकती।
15 दिसंबर 2022: ग्वालियर हाईकोर्ट ने वेटरनरी डॉक्टरों के प्रमोशन के निर्देश दिए।
21 मार्च 2024: जबलपुर हाईकोर्ट ने नगरीय निकायों में कार्यरत असिस्टेंट इंजीनियर्स के प्रमोशन का आदेश दिया।
22 मार्च 2024: हाईकोर्ट ने चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के प्रमोशन के निर्देश दिए।
समाधान की जरूरत | MP Sarkari Karmchari
नौकरशाहों और कर्मचारियों के लिए दो अलग-अलग नीतियां असंतोष को बढ़ा रही हैं। सरकार को चाहिए कि कोर्ट के निर्देशों का पालन करते हुए कर्मचारियों के प्रमोशन का रास्ता निकाले। Also Read – MPESB Teacher Recruitment 2025 : मध्य प्रदेश में टीचर्स के पदों पर भर्ती