युवाओं को सेना और पुलिस भर्ती के लिए विशेष ट्रेनिंग
MP Parth Yojana – मध्य प्रदेश सरकार ने राज्य के युवाओं को भारतीय सेना, पुलिस और अर्धसैनिक बलों में करियर बनाने के लिए एक नई योजना का ऐलान किया है। इस योजना का नाम ‘पार्थ’ रखा गया है, जिसका उद्देश्य युवाओं को बेहतर रोजगार के अवसर प्रदान करना और उन्हें भर्ती परीक्षाओं के लिए शारीरिक एवं मानसिक रूप से तैयार करना है।
क्या है ‘पार्थ’ योजना? | MP Parth Yojana
‘पार्थ’ योजना युवाओं को सेना, पुलिस और अर्धसैनिक बलों की भर्ती प्रक्रियाओं के लिए विशेष प्रशिक्षण देने पर केंद्रित है।
लक्ष्य: राज्य के युवाओं को आत्मनिर्भर बनाना और उन्हें बेहतर रोजगार के अवसर प्रदान करना।
प्रमुख उद्देश्य: भर्ती परीक्षाओं में सफल होने के लिए युवाओं को शारीरिक, मानसिक और रणनीतिक कौशल में निपुण बनाना।
लाभार्थी: यह योजना विशेष रूप से उन युवाओं को ध्यान में रखकर बनाई गई है, जो सेना और पुलिस में करियर बनाना चाहते हैं। Also Read – MPESB Teacher Recruitment 2025 : मध्य प्रदेश में टीचर्स के पदों पर भर्ती
शुभारंभ और योजना की जानकारी
मध्य प्रदेश के खेल एवं युवा कल्याण मंत्री विश्वास सारंग ने बताया कि इस योजना का शुभारंभ 8 जनवरी 2025 को मुख्यमंत्री मोहन यादव द्वारा किया जाएगा।
प्रशिक्षण का स्वरूप | MP Parth Yojana
युवाओं को खेल विभाग के संभागीय इंफ्रास्ट्रक्चर में प्रशिक्षित किया जाएगा।प्रशिक्षण का फोकस:शारीरिक फिटनेस।भर्ती परीक्षा की तैयारी।अनुशासन और मानसिक मजबूती।शुल्क: प्रशिक्षण के लिए युवाओं को नाममात्र शुल्क देना होगा। Also Read – MP News : मध्य प्रदेश में जिलों और संभागों का पुनर्गठन
योजना के लाभ
रोजगार के अवसर: सेना, पुलिस और अर्धसैनिक बलों में चयन की संभावना बढ़ेगी।समग्र विकास: शारीरिक और मानसिक फिटनेस में सुधार।स्थानीय इंफ्रास्ट्रक्चर का उपयोग: खेल विभाग के प्रशिक्षण केंद्रों का प्रभावी उपयोग।समुदाय के लिए प्रेरणा: ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों के युवाओं को समान अवसर।
सरकार का दृष्टिकोण | MP Parth Yojana
मध्य प्रदेश सरकार का मानना है कि ‘पार्थ’ योजना राज्य के युवाओं के भविष्य को संवारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।खेल मंत्री ने कहा कि यह योजना युवाओं को न केवल करियर बनाने में मदद करेगी, बल्कि उन्हें एक अनुशासित और आत्मनिर्भर नागरिक बनने के लिए प्रेरित करेगी। Also Read – MP Sarkari Karmchari : मध्य प्रदेश के कर्मचारियों के लिए सख्त निर्देश