डीएपी खाद पर विशेष सब्सिडी, ₹3850 करोड़ का खर्च
Special subsidy on DAP – किसानों को राहत देने के लिए केंद्र सरकार ने एक बड़ा कदम उठाया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने डीएपी खाद पर विशेष सब्सिडी पैकेज के विस्तार को मंजूरी दी है। यह पैकेज 1 जनवरी 2025 से लागू होगा और अगले आदेश तक जारी रहेगा। इस योजना का उद्देश्य किसानों को वैश्विक बाजार में उतार-चढ़ाव और भू-राजनीतिक तनावों के बावजूद सस्ती दरों पर डीएपी खाद उपलब्ध कराना है।
डीएपी पर विशेष सब्सिडी | Special subsidy on DAP
सरकार ने डीएपी खाद पर मौजूदा न्यूट्रिएंट बेस्ड सब्सिडी (NBS) योजना के अलावा ₹3,500 प्रति टन की अतिरिक्त सब्सिडी देने का फैसला किया है। इस पहल से किसानों को उर्वरक की बढ़ती कीमतों से राहत मिलेगी। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने जानकारी दी कि इस योजना पर कुल ₹3850 करोड़ का खर्च आएगा। Also Read – DAP Price Hike : नए साल में खेती हो सकती है महंगी
किसानों को मिलेगा सीधा लाभ
सरकार का यह फैसला खेती की लागत को कम करने और किसानों की आय बढ़ाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। इस विशेष पैकेज से डीएपी की कीमतों में स्थिरता आएगी और किसानों को खेती के लिए आवश्यक खाद सस्ती दरों पर उपलब्ध होगी।
पहले भी मिल चुका है लाभ | Special subsidy on DAP
अप्रैल 2010 से सरकार NBS योजना के तहत 28 प्रकार के फॉस्फेटिक और पोटैशिक (P&K) उर्वरकों पर सब्सिडी प्रदान कर रही है, जिसमें डीएपी भी शामिल है। जुलाई 2024 में भी सरकार ने डीएपी पर एक समान विशेष पैकेज को मंजूरी दी थी, जिसमें ₹2,625 करोड़ का खर्च हुआ था। इस पैकेज से कृषि सीजन के दौरान खाद की कीमतों को स्थिर रखने में मदद मिली थी।
क्यों जरूरी है यह पैकेज?
अंतरराष्ट्रीय बाजार में उतार-चढ़ाव और भू-राजनीतिक तनावों के कारण डीएपी की कीमतों में वृद्धि देखी गई है। इस स्थिति को देखते हुए सरकार ने यह कदम उठाया है ताकि किसानों को उर्वरक की उपलब्धता में कोई बाधा न आए।
कृषि क्षेत्र को मजबूती | Special subsidy on DAP
सरकार का यह निर्णय किसानों के लिए न केवल आर्थिक रूप से फायदेमंद है, बल्कि कृषि क्षेत्र को भी स्थिरता प्रदान करेगा। इससे किसानों को फसल उत्पादन के लिए आवश्यक संसाधन उचित मूल्य पर मिलेंगे, जिससे उनकी आय में वृद्धि होगी और कृषि क्षेत्र को नई ऊर्जा मिलेगी। Also Read – Nano DAP and DAP : नैनो डीएपी और डीएपी में अंतर