Review Meeting : क्षय उन्मूलन के लिए 100 दिवसीय नि-क्षय शिविर अभियान की समीक्षा बैठक आयोजित

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Review Meetingबैतूल – जिले में क्षय रोग (टीबी) उन्मूलन के लिए 100 दिवसीय नि-क्षय शिविर अभियान की समीक्षा बैठक का आयोजन मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) कार्यालय के सभाकक्ष में किया गया। बैठक की अध्यक्षता जिला कलेक्टर नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी ने की। इस बैठक का उद्देश्य अभियान की प्रगति की समीक्षा करना और इसे और प्रभावी बनाने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश जारी करना था।

Review Meeting: Review meeting of 100-day anti-tuberculosis campaign organized to eradicate tuberculosis.
Review Meeting: Review meeting of 100-day anti-tuberculosis campaign organized to eradicate tuberculosis.

मुख्य निर्देश और निर्णय | Review Meeting

  1. वल्नरेबल पापुलेशन की 100% स्क्रीनिंग:
  2. फॉर्म-2 की नियमित रिपोर्टिंग:
    • सभी स्वास्थ्य संस्थाओं (HWC, PHC, CHC) से प्रतिदिन फॉर्म-2 में रिपोर्टिंग अनिवार्य की गई।
  3. उन्नत तकनीकों से जांच:
    • संभावित रोगियों के स्पूटम सैंपल एकत्र कर ट्रू-नॉट, सीबी-नॉट और एक्स-रे जैसी उन्नत तकनीकों से जांच की जाएगी।
  4. ओपीडी में स्क्रीनिंग:
    • ओपीडी में आने वाले सभी मरीजों की स्क्रीनिंग अनिवार्य होगी, विशेष रूप से वल्नरेबल पापुलेशन के बीच।
  5. कंट्रोल रूम की स्थापना:
    • जिला मुख्यालय में कंट्रोल रूम स्थापित कर अभियान की मॉनिटरिंग और समय पर रिपोर्टिंग सुनिश्चित की जाएगी।

बैठक में उपस्थित अधिकारी और विशेषज्ञ

बैठक में जिले के विभिन्न स्वास्थ्य विभागों के वरिष्ठ अधिकारी और विशेषज्ञ शामिल हुए, जिनमें शामिल थे:

  • मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO): डॉ. रविकांत उइके
  • WHO कंसलटेंट: डॉ. ईशान
  • सिविल सर्जन: डॉ. जगदीश घोरे
  • अन्य खंड चिकित्सा अधिकारी, प्रोग्राम ऑफिसर, और जिला मुख्यालय के अधिकारी।

बैठक का उद्देश्य और महत्व | Review Meeting

बैठक का उद्देश्य टीबी मुक्त भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए जिले में चल रहे प्रयासों का गहन मूल्यांकन करना था। जिला कलेक्टर ने अभियान की सफलता के लिए सभी विभागों के बीच समन्वय और अनुशासन की आवश्यकता पर जोर दिया।


अभियान की आगामी योजना

  1. ब्लॉक स्तर पर स्वास्थ्य शिविर:
    • प्रत्येक ब्लॉक में स्वास्थ्य शिविर आयोजित कर वल्नरेबल पापुलेशन की अधिकतम जांच की जाएगी।
  2. मॉनिटरिंग और फॉलो-अप:
    • विशेष मॉनिटरिंग टीमें बनाई जाएंगी जो नियमित फॉलो-अप सुनिश्चित करेंगी।
  3. समय पर उपचार:
    • रोगियों को आवश्यक उपचार और सुविधाएं समय पर उपलब्ध कराने के लिए कार्य योजना तैयार की जाएगी।

अभियान का महत्व | Review Meeting

इस अभियान से जिले में क्षय रोग के मामलों में कमी लाने और लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने में मदद मिलेगी। यह प्रयास टीबी मुक्त भारत के लक्ष्य की ओर एक महत्वपूर्ण कदम है। Also Read – MP IFS Transfer : मध्यप्रदेश में वन विभाग के 29 अधिकारियों का तबादला

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