नए नियमों से 10 साल की सजा और ₹1 करोड़ तक का जुर्माना
Loan Recovery – सरकार अब लोन रिकवरी के नाम पर होने वाली अवैध गतिविधियों पर कड़ा प्रहार करने की तैयारी कर रही है। नए नियमों के तहत बिना RBI की मंजूरी के लोन देने या लेनदेन करने को गैर जमानती अपराध माना जाएगा, जिसके लिए 10 साल तक की सजा और ₹1 करोड़ तक का जुर्माना लगाया जा सकता है।
RBI की मंजूरी के बिना डिजिटल लोन देना होगा अपराध | Loan Recovery
RBI की अनुमति के बिना डिजिटल या अन्य रूपों में लोन देने वाले व्यक्तियों पर 2 से 7 साल की सजा और ₹2 लाख से ₹1 करोड़ तक जुर्माना लगाया जाएगा। इसके अलावा, यदि कोई लोन लेने वालों को परेशान करता है या अवैध तरीके से वसूली करता है, तो उसे 3 से 10 साल की सजा और भारी जुर्माना भुगतना पड़ेगा। इन मामलों की जांच CBI द्वारा की जाएगी। Also Read – MP Kisan : एमपी के किसानों के लिए महत्वपूर्ण अपडेट
फर्जी लोन ऐप्स पर शिकंजा
इस कदम का उद्देश्य फर्जी लोन ऐप्स और अनियमित कर्ज देने वालों पर लगाम लगाना है। RBI के वर्किंग ग्रुप ने नवंबर 2021 में एक रिपोर्ट पेश की थी, जिसमें अनियमित कर्ज देने पर प्रतिबंध लगाने के लिए कानून बनाने की सिफारिश की गई थी। इसमें उन संस्थाओं और व्यक्तियों पर प्रतिबंध लगाने की बात की गई है जो RBI या किसी अन्य रेगुलेटर में रजिस्टर्ड नहीं हैं और पब्लिक लेंडिंग बिजनेस में सक्रिय हैं।
1 करोड़ तक का जुर्माना और 10 साल तक की सजा | Loan Recovery
इस नए कानून के तहत, अगर कोई कर्जदाता नियमों का उल्लंघन करता है, तो उसे कम से कम 2 साल की सजा होगी, जो बढ़कर 7 साल तक हो सकती है। इसके साथ ही ₹2 लाख से ₹1 करोड़ तक जुर्माना भी लगाया जाएगा। वहीं, अगर कोई कर्ज लेने वाले को परेशान करता है या अवैध तरीके से वसूली करता है, तो उसे 3 से 10 साल तक की सजा हो सकती है।
CBI को सौंपे जाएंगे गंभीर मामले
अगर मामला कई राज्यों या केंद्र शासित प्रदेशों तक फैला होता है या इसमें बड़ी रकम शामिल होती है, तो इसकी जांच CBI को सौंप दी जाएगी। इस नए मसौदा विधेयक पर सभी संबंधित पक्षों से 13 फरवरी 2025 तक सुझाव मांगे गए हैं।
नए नियमों की आवश्यकता | Loan Recovery
हाल ही में कई मामले सामने आए हैं, जहां फर्जी लोन ऐप्स ने लोगों को धोखा दिया और कई मामलों में जबरन वसूली के कारण लोगों ने आत्महत्या तक की। इसे ध्यान में रखते हुए सरकार ने ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स को ऐसे धोखाधड़ी वाले ऐप्स को प्रमोट करने से रोकने के निर्देश दिए थे। गूगल ने 2022 से 2023 तक अपने प्ले स्टोर से 2,200 से अधिक धोखाधड़ी वाले लोन ऐप्स को हटा दिया था। Also Read – MP Private School : मध्य प्रदेश में निजी स्कूलों की मनमानी पर लगेगी लगाम