MP News : एक जनवरी 2025 से सरकारी कामकाज में बड़ा बदलाव

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अब नहीं घुमा पाएंगे फाइलें

MP News – मध्य प्रदेश सरकार ने ई-ऑफिस प्रणाली को पूरी तरह लागू करने का फैसला किया है। 1 जनवरी 2025 से वल्लभ भवन मंत्रालय और अन्य सरकारी विभागों में सभी फाइलें ई-ऑफिस के माध्यम से संचालित होंगी। इस नई व्यवस्था का उद्देश्य सरकारी कामकाज को पारदर्शी, तेज और सुव्यवस्थित बनाना है।

MP News: Big change in government work from January 1, 2025
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ई-ऑफिस के निर्देश | MP News

मुख्य सचिव ने सभी विभाग प्रमुखों को नोटशीट के माध्यम से निर्देश दिए हैं कि:सभी फाइलों की स्कैनिंग की जाए।पहले प्रचलित नस्तियों (लंबित फाइलें) और फिर निराकृत नस्तियों (निपटाई गई फाइलें) को स्कैन कर ई-ऑफिस में अपलोड किया जाए। Also Read – Private Sector Employees : प्राइवेट कर्मचारियों की बेसिक सैलरी में 6,000 रुपये का इजाफा 

ई-ऑफिस क्या है?

ई-ऑफिस एक ऑनलाइन फाइल प्रबंधन प्रणाली है, जिसमें अधिकारी और कर्मचारी डिजिटल माध्यम से फाइलें निपटाएंगे।इससे यह पता लगाना आसान होगा कि कौन-सी फाइल किसके पास लंबित है।पुरानी फाइलों को भी आसानी से खोजा जा सकेगा।उच्च स्तर पर रियल-टाइम मॉनिटरिंग की सुविधा रहेगी।

अब तक की प्रगति | MP News

39 विभागों को ई-ऑफिस का प्रशिक्षण दिया जा चुका है।इनमें से केवल 17 विभागों ने ई-ऑफिस का उपयोग शुरू किया है।शेष 22 विभागों को भी तत्काल ई-ऑफिस प्रणाली अपनाने के निर्देश दिए गए हैं।

मुख्यमंत्री और मंत्रियों के लिए मैन्युअल फाइलें रहेंगी जारी

हालांकि, मुख्यमंत्री और मंत्रियों के लिए फाइलों की प्रक्रिया मैन्युअल ही जारी रहेगी। यह निर्णय सुरक्षा कारणों से लिया गया है ताकि उनके हस्ताक्षर की नकल कर किसी प्रकार का दुरुपयोग न किया जा सके।

प्रमुख बदलाव | MP News

फाइलों का अंबार खत्म होगा: अधिकारियों के टेबल पर फाइलों का ढेर अब नहीं दिखेगा।कैबिनेट प्रस्ताव भी ऑनलाइन: मध्य प्रदेश कैबिनेट के लिए बनने वाले सभी प्रस्ताव भी ई-ऑफिस के माध्यम से तैयार किए जाएंगे।संचालनालय और जिलों तक विस्तार:भोपाल स्थित संचालनालय पहले ही ई-ऑफिस से जुड़ चुका है।जल्द ही संभागीय और जिला कार्यालयों को भी ई-ऑफिस प्रणाली से जोड़ा जाएगा।

ई-ऑफिस से क्या होंगे फायदे?

कामकाज की गति बढ़ेगी और फाइलें अटकेंगी नहीं

पारदर्शिता बढ़ेगी और फाइलों की स्थिति का रियल-टाइम ट्रैकिंग संभव होगी।

पेपरलेस वर्क से सरकारी खर्च में कमी आएगी।

पुरानी फाइलें भी डिजिटल रिकॉर्ड में उपलब्ध रहेंगी। Also Read – Ropeway in MP: उज्जैन, पचमढ़ी और पातालकोट में बनेंगे रोपवे

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