जानिए कैसे मिलेगा फायदा
MP Kisan – मध्यप्रदेश में अब खेती की जमीन के हर खसरे पर आधार नंबर दर्ज किया जाएगा, जिससे किसानों और भूमि मालिकों के लिए कई महत्वपूर्ण बदलाव होंगे। इस पहल से मुआवजा और बीमा में होने वाली गड़बड़ियों को रोकने में मदद मिलेगी, साथ ही खेती की जमीन की पूरी सैटेलाइट मैपिंग और आधार-आधारित डिजिटलाइजेशन होगा। कृषि विभाग और राजस्व विभाग मिलकर इस काम को अंजाम दे रहे हैं, ताकि खेती की जमीन का रिकॉर्ड पूरी तरह से डिजिटल हो सके।
कैसे काम करेगा आधार लिंक्ड लैंड रिकॉर्ड सिस्टम | MP Kisan
अब तक खेती की जमीन में सिर्फ खसरा नंबर दर्ज होता था, जिससे भूमि मालिक की पहचान स्पष्ट नहीं होती थी। लेकिन, अब खसरे के साथ-साथ आधार नंबर को जोड़कर हर भूमि स्वामी का रिकॉर्ड डिजिटल रूप से रखा जाएगा। राजस्व विभाग द्वारा किए गए डिजिटल लैंड रिकॉर्ड के अपडेट के तहत, एक से अधिक मालिक वाले खसरे में उतने ही आधार नंबर दर्ज किए जाएंगे। इससे न केवल रिकॉर्ड डिजिटल होगा, बल्कि जमीन के मालिक की पहचान भी सीधी और सटीक तरीके से हो सकेगी। Also Read – MP IAS Transfer 2024 : मध्य प्रदेश में 15 IAS अधिकारियों का तबादला
कृषि मंत्री का बयान:
कृषि मंत्री एंदल सिंह कंसाना ने कहा, “प्रदेश सरकार किसानों के हित में काम कर रही है। इसी दिशा में कृषि भूमि को मैप करने का काम शुरू किया गया है, जो किसानों को कई लाभ देगा।”
इस कदम से क्या होंगे फायदे | MP Kisan
- बीमा और मुआवजे में डुप्लीकेसी की रोकथाम: वर्तमान में कई बार एक ही जमीन पर मुआवजा और बीमा में डुप्लीकेसी के मामले सामने आ चुके हैं। आधार से जुड़ी सटीक जानकारी से यह समस्या दूर होगी।
- कर्ज में डुप्लीकेसी पर नियंत्रण: अब एक ही जमीन पर दो जगह से कर्ज लेने की समस्या को भी रोका जा सकेगा, क्योंकि आधार नंबर से हर मालिक की पहचान स्पष्ट होगी।
- जमीन की पहचान में आसानी: आधार से जुड़ी जमीन के मालिक की जानकारी प्राप्त होने से, जमीन की स्थिति और स्वामित्व पर कोई विवाद नहीं होगा।
क्या है खेती की जमीन का वर्तमान स्थिति?
- मध्यप्रदेश में कुल 151.91 लाख हेक्टेयर कृषि योग्य भूमि है।
- प्रदेश में कुल 1 करोड़ किसान हैं, जिनमें से 76 लाख किसान 5 एकड़ या उससे कम भूमि के मालिक हैं।
- 48 लाख किसान 2.5 एकड़ या उससे कम भूमि वाले हैं, जबकि 28 लाख किसान 2.5 से 5 एकड़ भूमि के मालिक हैं।
- प्रदेश में 55,447 गांवों की जमीन अब डिजिटल रिकॉर्ड में दर्ज है, और कुल 4.20 करोड़ खसरे अपडेट किए गए हैं। Also Read – MPBSE Exam : 10वीं और 12वीं परीक्षा का पैटर्न बदला