मध्यप्रदेश को मिला “टाइगर स्टेट” का वास्तविक दर्जा
प्रधानमंत्री ने दी स्वीकृति, म.प्र. की प्रतिष्ठा में इज़ाफ़ा
MP Tourism – मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने घोषणा की है कि रातापानी सैंक्चुअरी को टाइगर रिजर्व और बफर एरिया के रूप में घोषित कर दिया गया है। इसके साथ ही, मध्यप्रदेश ने सही मायनों में “टाइगर स्टेट” का गौरव प्राप्त कर लिया है। यह प्रदेश के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। केंद्र सरकार द्वारा अनुमोदन के बाद, रातापानी अब मध्यप्रदेश का आठवां टाइगर रिजर्व बन चुका है। मुख्यमंत्री ने इस सफलता का श्रेय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दिया और उनके वन्यजीव संरक्षण के प्रति प्रतिबद्धता की सराहना की।
डॉ. यादव ने कहा, “प्रधानमंत्री जी ने हमेशा मध्यप्रदेश को वन्यजीव संरक्षण और संवर्धन में प्राथमिकता दी है। श्योपुर के कूनो में चीता पुनर्वास और अब रातापानी को टाइगर रिजर्व घोषित करना इसका प्रमाण है।” Also Read – MP Police : मध्यप्रदेश पुलिस का ऐतिहासिक फैसला
भोपाल के पास स्थित अनूठा टाइगर रिजर्व | MP Tourism
रातापानी टाइगर रिजर्व की खासियत है कि यह राजधानी भोपाल के बेहद करीब स्थित है। मुख्यमंत्री ने कहा, “यह देश का एकमात्र टाइगर रिजर्व है, जिसकी सीमा राजधानी से सटी हुई है। रायसेन, भोपाल और सीहोर जिलों के वन क्षेत्र को शामिल करते हुए यह अभयारण्य 90 से अधिक बाघों और अन्य वन्यजीवों का घर है।”
टाइगर रिजर्व के कोर क्षेत्र को रातापानी अभयारण्य की सीमा के भीतर रखा गया है। यह नई पहल न केवल वन्यजीवों के संरक्षण को बढ़ावा देगी, बल्कि प्रदेश में पर्यटन को भी नई ऊंचाइयों पर ले जाएगी। मुख्यमंत्री ने जोर देकर कहा कि स्थानीय ग्रामीणों के अधिकारों पर कोई असर नहीं पड़ेगा। इसके बजाय, उन्हें पर्यटन से रोजगार के नए अवसर मिलेंगे और आर्थिक लाभ भी होगा।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान और आर्थिक लाभ | MP Tourism
रातापानी को टाइगर रिजर्व का दर्जा मिलने के साथ ही, राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण और राज्य सरकार द्वारा आवंटित बजट का उपयोग वन्यजीव प्रबंधन को और सशक्त बनाने में किया जाएगा। डॉ. यादव ने कहा, “यह पहल रातापानी को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाएगी और भोपाल को ‘टाइगर कैपिटल’ के रूप में नई पहचान मिलेगी।”
इस नई घोषणा के साथ, मध्यप्रदेश में बाघों और टाइगर पार्कों की संख्या में सबसे आगे होने का गौरव और बढ़ गया है। मुख्यमंत्री ने विश्वास जताया कि यह कदम प्रदेश की साख को और अधिक मजबूत करेगा। Also Read – MP Shikshak : मध्यप्रदेश में शिक्षकों की वेतन वृद्धि पर अड़चन