MP 8th Tiger Reserve : 16 साल बाद बनेगा एमपी का 8वां टाइगर रिजर्व

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बाघ संरक्षण में ऐतिहासिक कदम, मध्यप्रदेश में बाघ संरक्षण को मिलेगा नया आयाम

MP 8th Tiger Reserve – 16 साल के लंबे इंतजार के बाद, मध्यप्रदेश में रातापानी वन्यजीव अभयारण्य को टाइगर रिजर्व का दर्जा मिलने जा रहा है। इस संबंध में फाइनल ड्राफ्ट तैयार हो चुका है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने विदेश यात्रा से पहले इसे कानूनी रूप से स्वीकृति प्रदान की। वर्तमान में विधि विभाग इसकी अंतिम समीक्षा कर रहा है। समीक्षा प्रक्रिया पूरी होते ही रातापानी को टाइगर रिजर्व घोषित करने की अधिसूचना जारी कर दी जाएगी।

क्या है रातापानी टाइगर रिजर्व की खासियत? | MP 8th Tiger Reserve

आधिकारिक घोषणा के बाद:
रातापानी मध्यप्रदेश का 8वां टाइगर रिजर्व बन जाएगा।
यह पहला ऐसा टाइगर रिजर्व है, जो 16 वर्षों की योजना और प्रयासों के बाद अस्तित्व में आएगा। Also Read – PM Kisan 19th Installment : अगली किस्त से पहले किसान कर लें ये जरूरी काम

स्थान:

यह भोपाल, औबेदुल्लागंज, रायसेन और सीहोर वन क्षेत्र को कवर करेगा।
यहां पर टाइगर रिजर्व के कड़े नियम लागू होंगे, जो वन्यजीवों और पर्यावरण संरक्षण को प्राथमिकता देंगे।

वन्यजीव और पर्यावरण पर प्रभाव | MP 8th Tiger Reserve

बाघ संरक्षण:

रातापानी में फिलहाल 75 बाघ हैं, जिनमें 10-15 युवा बाघ शामिल हैं।
यहां बाघों का कुनबा तेजी से बढ़ रहा है, जिससे यह अनुकूल लैंडबैंक साबित हुआ है।

वन क्षेत्र संरक्षण | MP 8th Tiger Reserve

रिजर्व बनने के बाद आसपास के वन क्षेत्रों में अवैध गतिविधियों पर पूर्ण रोक लगेगी।
जंगलों और वन्यजीवों का संरक्षण मजबूत होगा।

पर्यटन और रोजगार:

वन्यजीव पर्यटन में वृद्धि के साथ स्थानीय स्वरोजगार के नए अवसर खुलेंगे।
यह क्षेत्र पर्यावरण-अनुकूल विकास का मॉडल बनेगा।

इतिहास और वर्तमान स्थिति | MP 8th Tiger Reserve

रातापानी अभयारण्य की स्थापना:
यह 1983 में अस्तित्व में आया था।
इसका अधिसूचित क्षेत्रफल 823.065 वर्ग किमी है, जो रिजर्व बनने के बाद और बढ़ सकता है।
राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण:
वर्ष 2008 में इसने इसे टाइगर रिजर्व बनाने की सैद्धांतिक सहमति दी थी।

चुनौतियां और समाधान:

बीते 15 वर्षों में यहां 7 बाघ और 11 तेंदुओं की मौत हुई है, जिनमें से कई मौतें रेलवे ट्रैक पर ट्रेन से टकराने के कारण हुईं।
अब टाइगर रिजर्व बनने के बाद ऐसे हादसों को रोकने के लिए सख्त कदम उठाए जाएंगे।
रिजर्व का प्रभाव: कौन-कौन होगा प्रभावित?

वन्यजीव | MP 8th Tiger Reserve
बाघ और अन्य वन्यजीवों के संरक्षण के लिए कड़े नियम लागू होंगे।
खनिज खदानें:
रिजर्व के दायरे में आने वाली खनिज खदानों के लीज रद्द हो जाएंगे।
पर्यटन:
वन्यजीव पर्यटन में वृद्धि होगी, जिससे क्षेत्र की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी।

पर्यावरण संरक्षण के साथ विकास का मॉडल

रातापानी टाइगर रिजर्व न केवल बाघ संरक्षण के लिए बल्कि पर्यावरणीय संतुलन और स्थायी विकास के लिए एक मील का पत्थर साबित होगा। यह राज्य के अन्य टाइगर रिजर्व जैसे कान्हा, बांधवगढ़ और पेंच के समान प्रभावशाली भूमिका निभाएगा। Also Read – MP Kisan : मध्य प्रदेश में किसानों के लिए खुशखबरी, MSP तय

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