नई खोज से मिल सकती है जहर का कारगर इलाज
King Cobra – किंग कोबरा, जो दुनिया के सबसे लंबे और जहरीले सांपों में से एक है, अब तक केवल एक ही प्रजाति माना जाता था। लेकिन एक नई रिसर्च में वैज्ञानिकों ने खुलासा किया है कि किंग कोबरा वास्तव में चार अलग-अलग प्रजातियों में पाए जाते हैं। यह खोज 188 साल पुरानी मान्यताओं को चुनौती देती है, क्योंकि अब तक इन्हें केवल Ophiophagus hannah नाम की एकल प्रजाति माना जाता था। यह अध्ययन European Journal of Taxonomy में प्रकाशित हुआ है।
नई पहचान की गई चार प्रजातियां | King Cobra
वैज्ञानिकों ने किंग कोबरा की चार नई प्रजातियों की पहचान की है:
नॉर्दर्न किंग कोबरा (Ophiophagus hannah) – यह प्रजाति उत्तर भारत, उप-हिमालयी क्षेत्र, पूर्वी भारत और म्यांमार में पाई जाती है।
सुंदा किंग कोबरा (Ophiophagus bungarus) – मुख्य रूप से मलय प्रायद्वीप और ग्रेटर सुंदा द्वीप समूह में पाया जाता है।
वेस्टर्न घाट किंग कोबरा (Ophiophagus kaalinga) – भारतीय प्रायद्वीप के पश्चिमी घाट में मिलती है।
लूजॉन किंग कोबरा (Ophiophagus salvatana) – यह उत्तरी फिलीपींस के लूजॉन द्वीप तक सीमित है। Also Read – Cobra Ka Video : CPR देकर सांप की जान बचाई
प्रजातियों के बीच अंतर कैसे किया गया?
प्रमुख शोधकर्ता और कलिंग सेंटर फॉर रेनफॉरेस्ट इकोलॉजी के निदेशक गौरी शंकर पोगिरी के अनुसार, इन प्रजातियों को उनके शरीर के रंग, धारियों के पैटर्न, और शारीरिक बनावट के आधार पर पहचाना गया है:
नॉर्दर्न किंग कोबरा में पीले रंग की मोटी धारियां होती हैं।
सुंदा किंग कोबरा का रंग साधारण और बिना धारियों वाला होता है।
वेस्टर्न घाट किंग कोबरा की पीली धारियों पर गहरे किनारे नहीं होते हैं।
लूजॉन किंग कोबरा की धारियां तीव्र कोणीय होती हैं।
रहवास और जीवन क्षेत्र | King Cobra
किंग कोबरा की ये चार प्रजातियां विभिन्न क्षेत्रों में पाई जाती हैं, जो इनकी जैविक विविधता को दर्शाता है। ये सांप उत्तर भारत से लेकर दक्षिण चीन और दक्षिण-पूर्व एशिया के घने जंगलों, मैंग्रोव दलदलों, और आर्द्र जलवायु वाले क्षेत्रों में पाए जाते हैं।
किंग कोबरा का घातक जहर
सभी किंग कोबरा प्रजातियां बेहद जहरीली हैं। यह सांप एक बार में बड़ी मात्रा में जहर छोड़ सकता है, जिससे किसी भी व्यक्ति की 15 मिनट के भीतर मौत हो सकती है। यह उन्हें दुनिया के सबसे घातक सांपों में शामिल करता है।
जहर का इलाज: एंटीवेनम विकसित करने की दिशा में बड़ी उपलब्धि | King Cobra
नई खोज के अनुसार, अलग-अलग प्रजातियों की पहचान करने से इन क्षेत्रों में बेहतर और अधिक प्रभावी एंटीवेनम विकसित किया जा सकेगा। यह खोज किंग कोबरा के जहर के लिए एक प्रभावी इलाज की दिशा में पहला कदम साबित हो सकती है।
शोधकर्ता मानते हैं कि संभवतः अन्य द्वीपों पर भी किंग कोबरा की कुछ और प्रजातियां मौजूद हो सकती हैं, जिन्हें अभी तक खोजा नहीं जा सका है। यह शोध हमें न केवल किंग कोबरा की जैविक विविधता को समझने में मदद करेगा, बल्कि जहर के इलाज के लिए भी नए रास्ते खोलेगा।
निष्कर्ष
किंग कोबरा की इस नई पहचान से वैज्ञानिक समुदाय में उत्साह है, क्योंकि इससे सांप के जहर का मुकाबला करने के लिए बेहतर एंटीवेनम तैयार किया जा सकता है। साथ ही, यह खोज किंग कोबरा की संरक्षण नीतियों को भी बेहतर बनाने में सहायक होगी।
यह नई जानकारी सांपों की दुनिया को समझने के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है और मानव जीवन को जहर से बचाने में अहम भूमिका निभा सकती है। Also Read – Monitor Lizard Aur Cobra : छिपकली ने सांप को दबोचा, फिर पलटा खेल