सरकारी स्टॉक जारी नहीं होने से हालत और बिगड़ने की संभावना
Genhu Ki Keemat – हाल के दिनों में गेहूं की कीमतें आसमान छूने लगी हैं, जिसका असर ग्रामीण इलाकों से लेकर शहरी बाजारों तक दिखाई दे रहा है। फिलहाल ग्रामीण क्षेत्रों में भी गेहूं की कीमतें ₹2500 प्रति क्विंटल तक पहुंच चुकी हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि बाजार में गेहूं की मांग बढ़ रही है, जबकि सप्लाई कम हो रही है, जिसके चलते कीमतें लगातार बढ़ रही हैं। इसके अलावा, सरकारी स्टॉक जारी नहीं होने से भी स्थिति और बिगड़ रही है।
बाजार के मौजूदा हालात: कीमतें और बढ़ने की संभावना | Genhu Ki Keemat
बाजार विशेषज्ञों की मानें तो अभी गेहूं के दामों में गिरावट की संभावना कम है। आने वाले दिनों में इसके दाम और बढ़ सकते हैं। 2024-25 के लिए गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) ₹2275 प्रति क्विंटल तय किया गया है, लेकिन अधिकांश मंडियों में इसके दाम इससे ऊपर जा रहे हैं। मध्यप्रदेश की कई मंडियों में तो यह ₹3700 प्रति क्विंटल तक भी पहुंच चुका है। Also Read – MP Sarkari Karmchari : महंगाई भत्ता : वेतन वृद्धि में आ रही अड़चनों को दूर करने की कवायद
कैसे कंट्रोल हो सकती हैं कीमतें?
विशेषज्ञों का सुझाव है कि यदि सरकार अपने गोदामों से गेहूं की सप्लाई शुरू कर दे तो कीमतों पर कुछ हद तक नियंत्रण पाया जा सकता है। हालांकि, वर्तमान में स्टॉकिस्ट भी अपने गेहूं के स्टॉक को कम कीमत पर जारी करने को तैयार नहीं हैं। ऐसे में, बाजार में सीमित स्टॉक के चलते दाम बढ़ते ही जा रहे हैं।
देश की प्रमुख मंडियों में गेहूं के ताजा भाव
मध्यप्रदेश की मंडियों में गेहूं के भाव:
बनखेड़ी (होशंगाबाद): ₹3700 प्रति क्विंटल
बदनावर (धार): ₹3020 प्रति क्विंटल
डिंडोरी: ₹2750 प्रति क्विंटल
बीना (सागर): ₹3051 प्रति क्विंटल
मंदसौर: ₹3050 प्रति क्विंटल
उत्तर प्रदेश की मंडियों में गेहूं के भाव:
खुर्जा (बुलंदशहर): ₹2870 प्रति क्विंटल
इटावा: ₹2810 प्रति क्विंटल
फरुखाबाद: ₹2780 प्रति क्विंटल
जौनपुर: ₹2850 प्रति क्विंटल
राजस्थान की मंडियों में गेहूं के भाव:
चित्तौड़गढ़: ₹3300 प्रति क्विंटल
प्रतापगढ़: ₹3061 प्रति क्विंटल
जयपुर (बस्सी): ₹2850 प्रति क्विंटल
महाराष्ट्र की मंडियों में गेहूं के भाव:
सोलापुर: ₹4150 प्रति क्विंटल
सांगली: ₹4100 प्रति क्विंटल
अहमदनगर: ₹3500 प्रति क्विंटल
नागपुर: ₹3500 प्रति क्विंटल
आगे क्या रहेगा बाजार का रुख?
बाजार जानकारों का मानना है कि गेहूं की नई फसल मार्च 2025 में ही आएगी, तब तक गेहूं की कीमतें ऊंची बनी रह सकती हैं। हालांकि, यदि केंद्र सरकार जल्द ही सरकारी स्टॉक जारी करने का फैसला लेती है, तो दामों में थोड़ी नरमी आ सकती है।
किसानों के लिए महत्वपूर्ण सलाह
गेहूं की फसल बेचने से पहले अपने नजदीकी मंडी के ताजा भाव जरूर चेक करें।
गेहूं की गुणवत्ता के आधार पर कीमतें अलग-अलग हो सकती हैं, जैसे कि शरबती गेहूं का दाम साधारण गेहूं से ज्यादा मिलता है।
रोजाना के उतार-चढ़ाव के कारण फसल बेचने का निर्णय सोच-समझकर लें।
निष्कर्ष
गेहूं की बढ़ती कीमतें किसानों और उपभोक्ताओं दोनों के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हो रही हैं। बाजार में संतुलन बनाए रखने के लिए सरकारी स्टॉक की रिलीज महत्वपूर्ण हो सकती है। ऐसे में सरकार और संबंधित विभागों को इस दिशा में ठोस कदम उठाने की जरूरत है, ताकि आमजन पर बढ़ती महंगाई का असर कम किया जा सके। Also Read – MP Sarkari Naukri : एमपी राज्य इलेक्ट्रॉनिक्स विकास निगम लिमिटेड में 199 पदों पर भर्ती