स्कूल शिक्षा विभाग ने किया बड़ा बदलाव
MP Atithi Shikshak – मध्य प्रदेश में अतिथि शिक्षकों के लिए एक अहम अपडेट आया है। राज्य के स्कूल शिक्षा विभाग ने भर्ती प्रक्रिया को पूरी तरह ऑनलाइन करने का निर्णय लिया है। इस बदलाव से भर्ती प्रक्रिया न केवल सरल और तेज़ होगी, बल्कि यह अतिथि शिक्षकों के लिए भी काफी सुविधाजनक साबित होगी। पहले यह प्रक्रिया ऑफलाइन होती थी, जिसके कारण कई शिकायतें और विवाद सामने आते थे।
ऑनलाइन मोड से बढ़ेगी पारदर्शिता | MP Atithi Shikshak
नए निर्णय के तहत, अब अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति पूरी तरह से ऑनलाइन मोड में की जाएगी। इस बदलाव का मुख्य उद्देश्य भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता लाना है। पहले, स्कूल प्राचार्यों पर आरोप लगाए जाते थे कि वे अपने पसंदीदा लोगों को नियुक्त करते हैं। इन आरोपों को खत्म करने के लिए लोक शिक्षण संचालनालय (DPI) ने यह कदम उठाया है। डीपीआई आयुक्त शिल्पा गुप्ता ने इस फैसले को लेकर आदेश जारी किए हैं। इससे यह सुनिश्चित होगा कि केवल योग्य और सक्षम उम्मीदवारों को ही नौकरी मिले। Also Read – Amitabh Bachchan का भविष्य : MP के पार्थ ने की भविष्यवाणी
70,000 अतिथि शिक्षकों के नियमितीकरण पर अपडेट
मध्य प्रदेश में लगभग 70,000 अतिथि शिक्षक लंबे समय से अपने नियमितीकरण की मांग कर रहे थे। हालांकि, उन्हें सीधे तौर पर नियमित नहीं किया जाएगा। लेकिन, DPI ने इस मुद्दे को हल करने के लिए एक योजना बनाई है। अतिथि शिक्षकों को इस फैसले से राहत मिल सकती है, क्योंकि अब उन्हें एक पारदर्शी और निष्पक्ष प्रक्रिया के तहत नियुक्ति मिलेगी।
अतिथि शिक्षकों के लिए नई शर्तें और मूल्यांकन प्रणाली | MP Atithi Shikshak
नवंबर में शुरू होने वाली इस नई भर्ती प्रक्रिया के तहत, अतिथि शिक्षकों के लिए कुछ नई शर्तें भी लागू की जाएंगी। फरवरी-मार्च में परीक्षाओं के बाद इन शिक्षकों का मूल्यांकन किया जाएगा। यदि किसी विषय का परिणाम 30% से कम आता है, तो उस अतिथि शिक्षक को अगले सत्र में नियुक्त नहीं किया जाएगा। पिछले सत्र में खराब प्रदर्शन के कारण 5,000 अतिथि शिक्षकों को हटाया गया था। इस बार, समय पर नियुक्ति सुनिश्चित की जाएगी ताकि शिक्षकों को पर्याप्त समय मिले और उनका प्रदर्शन बेहतर हो सके।
निष्कर्ष
शिक्षा विभाग के इस नए निर्णय से न केवल भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी, बल्कि योग्य शिक्षकों को मौका भी मिलेगा। ऑनलाइन मोड से अब भर्ती प्रक्रिया में देरी और आरोपों से बचा जा सकेगा। अतिथि शिक्षकों के लिए यह एक सकारात्मक कदम है, जिससे उन्हें अपनी योग्यता साबित करने का उचित अवसर मिलेगा। Also Read – MP Sarkari Karmchari : एमपी में वन विभाग कर्मचारियों के लिए बड़ी राहत