हाईटेक तकनीक से होगी निगरानी
MP News – मध्य प्रदेश सरकार ने अवैध खनिज परिवहन और खनन पर रोक लगाने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। राज्य में अब हाईटेक ई-चेकगेट्स के जरिए अवैध गतिविधियों पर नकेल कसी जाएगी। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने घोषणा की है कि प्रदेश में जल्द ही 41 ई-चेकगेट लगाए जाएंगे, जो पूरी तरह से आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) पर आधारित होंगे।
कैसे काम करेंगे ये ई-चेकगेट्स? | MP News
इन ई-चेकगेट्स पर वेरीफोकल कैमरे, आरएफआईडी रीडर और ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रीडर (ANPR) जैसी उन्नत तकनीक का उपयोग किया जाएगा। यह सिस्टम वाहनों की पहचान कर सकेगा और अवैध खनिज परिवहन का तुरंत पता लगाएगा। इससे राज्य में खनिज चोरी को रोकने में मदद मिलेगी और खनिज संसाधनों की सुरक्षा सुनिश्चित होगी। Also Read – बिग बॉस 18′ में वाइल्ड कार्ड एंट्री: कौन हैं Aditi Mistry
पायलट प्रोजेक्ट की सफलता
सरकार ने इस परियोजना को पहले पायलट प्रोजेक्ट के रूप में 4 महत्वपूर्ण स्थानों पर लागू किया है, जहां यह प्रणाली पूरी तरह से सफल रही है। इस सफलता के बाद, दिसंबर 2024 तक प्रदेश भर में सभी 41 ई-चेकगेट्स को स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है।
कमांड और कंट्रोल सेंटर की स्थापना | MP News
अवैध खनिज परिवहन पर निगरानी के लिए राज्य स्तर पर भोपाल में एक केंद्रीय कमांड सेंटर बनाया गया है। इसके अलावा, जिला स्तर पर भोपाल और रायसेन में भी कमांड सेंटर स्थापित किए गए हैं। इन केंद्रों के माध्यम से पूरे प्रदेश में निगरानी की जाएगी, जिससे अवैध गतिविधियों पर तुरंत कार्रवाई की जा सके।
ड्रोन और सैटेलाइट से हाईटेक निगरानी
इसके अलावा, राज्य में 7,000 से अधिक खदानों की जियो टैगिंग की जा चुकी है। ड्रोन और सैटेलाइट आधारित तकनीक का उपयोग कर खदान क्षेत्रों का सटीक सीमांकन किया गया है। इसके तहत थ्रीडी इमेजिंग और वॉल्यूमेट्रिक एनालिसिस का उपयोग कर खदानों में उत्खनित खनिज की मात्रा का सटीक आकलन किया जाएगा।
खनिज संपदा की सुरक्षा का आश्वासन | MP News
सरकार का मानना है कि यह नई पहल न केवल अवैध खनन और परिवहन को नियंत्रित करेगी, बल्कि इससे राज्य की खनिज संपदा की सुरक्षा भी सुनिश्चित होगी। यह कदम राज्य के खनिज भंडार की रक्षा करने और सरकारी राजस्व में वृद्धि करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।
निष्कर्ष
मध्य प्रदेश सरकार का यह हाईटेक कदम अवैध खनिज परिवहन और खनन पर अंकुश लगाने में महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। AI, ड्रोन, और सैटेलाइट तकनीक के उपयोग से न केवल अवैध गतिविधियों की निगरानी होगी, बल्कि प्रदेश की खनिज संपदा की सुरक्षा भी सुनिश्चित होगी। इस नई व्यवस्था से खनिज संसाधनों का सतत विकास संभव होगा, जिससे राज्य की अर्थव्यवस्था को भी बल मिलेगा।
क्या यह हाईटेक पहल मध्य प्रदेश को अवैध खनन से मुक्त कर पाएगी? यह देखने के लिए हमें इंतजार करना होगा, लेकिन यह कदम निश्चित रूप से सही दिशा में एक बड़ा बदलाव है। Also Read – iPhone लवर्स के लिए बुरी खबर! Apple ने तीन पॉपुलर मॉडल्स को किया डिस्कंटीन्यू