MP Politics : क्या बीजेपी में सब कुछ ठीक है? गोपाल भार्गव की पोस्ट से सियासी हलचल

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जीतू पटवारी ने दिया कांग्रेस के अभियान में शामिल होने का निमंत्रण

MP Politics : भाजपा और कांग्रेस के बीच तकरार की खबरें आम हैं, लेकिन हाल ही में कुछ ऐसा हुआ जिसने दोनों दलों के बीच दिलचस्प जुड़ाव का संकेत दिया। मध्य प्रदेश के वरिष्ठ भाजपा नेता गोपाल भार्गव की एक सोशल मीडिया पोस्ट ने सियासी गलियारों में हलचल मचा दी। उन्होंने बच्चियों पर हो रहे अपराधों को लेकर सवाल उठाया, और इस मुद्दे पर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने उनके विचारों का समर्थन करते हुए उन्हें कांग्रेस के ‘बेटी बचाओ अभियान’ में शामिल होने का खुला निमंत्रण दिया।

गोपाल भार्गव की पोस्ट के मायने | MP Politics

बीते कुछ समय में मध्य प्रदेश में बच्चियों के साथ हो रहे अपराधों, खासकर दुराचार और हत्या की घटनाओं में वृद्धि देखी गई है। कांग्रेस लंबे समय से इस मुद्दे पर प्रदेश सरकार को घेर रही है और इसी के तहत ‘बेटी बचाओ अभियान’ शुरू किया गया। वहीं, भाजपा सरकार का दावा है कि हाल के महीनों में बलात्कार की घटनाओं में कमी आई है। हालांकि, गोपाल भार्गव की हालिया सोशल मीडिया पोस्ट ने इस विषय पर नया मोड़ ला दिया है। Also Read – MP News : मध्य प्रदेश में जिलों की संख्या बढ़ने की संभावना

अपने पोस्ट में भार्गव ने बच्चियों के साथ हो रहे अपराधों पर गहरी चिंता व्यक्त की और सवाल किया कि क्या हम ऐसे माहौल में रावण दहन के अधिकारी हैं। इस बयान के बाद भाजपा के भीतर भी असंतोष के संकेत मिलने लगे हैं, जो पार्टी की नीतियों पर सवाल उठाता है।

जीतू पटवारी का कांग्रेस अभियान में शामिल होने का आमंत्रण

इस मुद्दे पर जीतू पटवारी ने भार्गव की पोस्ट का समर्थन करते हुए सोशल मीडिया पर कहा, “गोपाल भार्गव जी, आपने दलगत राजनीति से ऊपर उठकर प्रदेश में बच्चियों की सुरक्षा के मुद्दे को उजागर किया है। यह मुद्दा भाजपा या कांग्रेस का नहीं, बल्कि हमारी बेटियों की सुरक्षा का है। मैं आपको ‘बेटी बचाओ अभियान’ में शामिल होने का निमंत्रण देता हूँ ताकि हम मिलकर एक सुरक्षित और भयमुक्त प्रदेश का निर्माण कर सकें।”

क्या भाजपा के भीतर उठ रहा असंतोष? | MP Politics

गोपाल भार्गव की पोस्ट ने न केवल बच्चियों की सुरक्षा के मुद्दे को चर्चा में ला दिया, बल्कि भाजपा के वरिष्ठ नेताओं की नाराजगी का मुद्दा भी फिर से गरम कर दिया है। यह पहली बार नहीं है जब पार्टी के बड़े नेताओं ने अपनी असहमति जाहिर की हो। इससे पहले भी अजय विश्नोई और भूपेंद्र सिंह जैसे नेता पार्टी की कार्यशैली पर सवाल उठा चुके हैं। भाजपा के कई पुराने कार्यकर्ता और नेता इस बात से नाराज हैं कि नए नेताओं को प्राथमिकता दी जा रही है, जबकि उनके योगदान की अनदेखी हो रही है।

गोपाल भार्गव की यह पोस्ट इस नाराजगी का नया प्रतीक बनकर उभरी है, और कांग्रेस ने इस मौके को भुनाते हुए अपनी राजनीति को एक नया मोड़ देने का प्रयास किया है। Also Read – MP News : मध्यप्रदेश सरकार का कड़ा कदम : कंप्यूटर टाइपिंग में विफल कर्मचारियों को किया बर्खास्त

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