पशुपालन को सुव्यवस्थित करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम
BAF and NIAB – दूध देने वाले पशुओं की देखभाल और पशुपालन को सुव्यवस्थित करने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में, बाएफ डेवलपमेंट रिसर्च फाउंडेशन और राष्ट्रीय पशु जैव प्रौद्योगिकी संस्थान (एनआईएबी) ने एक संयुक्त समझौता किया है। यह समझौता हैदराबाद में बाएफ के अध्यक्ष डॉ. भरत काकड़े और एनआईएबी की निदेशक डॉ. जी. तरू शर्मा के बीच हुआ, जिसका उद्देश्य भारतीय पशुधन में आनुवंशिक सुधार और स्वास्थ्य देखभाल पर अनुसंधान करना है। यह प्रयास केंद्र सरकार की बीआईओई 3 नीति के तहत किया जा रहा है।
देशी गोवंश के लिए एचडी चिप का विकास: एनआईएबी और बाएफ पहले से ही राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) के साथ मिलकर जीनोटाइपिंग के लिए आवश्यक चिप्स के विकास पर कार्य कर रहे हैं। एनआईएबी ने 2021 में दुनिया की सबसे बड़ी देशी गोवंश एचडी चिप विकसित की है। इस चिप के आधार पर अब एनडीडीबी और बाएफ की साझेदारी से एक एलडी चिप का भी निर्माण किया जा रहा है। यह विकास भारत के पशुधन जीनोमिक्स और प्रजनन तकनीकों में महत्वपूर्ण बदलाव लाएगा। Also Read – Murgi Palan : साल भर में मालामाल कर देगी ये 300 अंडे वाली विदेशी नस्ल की मुर्गी
पशुधन और कृषि में नवाचार: इस समझौते के माध्यम से, बाएफ और एनआईएबी मिलकर पशु स्वास्थ्य, उत्पादकता और प्रजनन से जुड़ी कई समस्याओं का समाधान करेंगे। बाएफ के अध्यक्ष, डॉ. काकड़े ने कहा कि “इस सहयोग से किसानों को नई तकनीकों का लाभ मिलेगा और उनकी आय में भी वृद्धि होगी।” यह साझेदारी किसानों के लिए तकनीकी उन्नति और बेहतर प्रबंधन तकनीकों को बढ़ावा देने के लिए एक अभिनव पहल है।
साझेदारी के प्रमुख उद्देश्य | BAF and NIAB
पशुधन जीनोमिक्स और जैव प्रौद्योगिकी में अनुसंधान को बढ़ावा देना।
पशुपालकों और दुग्ध उत्पादकों की समस्याओं का समाधान ढूंढना।
वैज्ञानिक नवाचार और सामाजिक लाभ के लिए कार्यक्रम आयोजित करना।
नीति-निर्माताओं, उद्यमियों और विशेषज्ञों के बीच जागरूकता बढ़ाना।
शोध सलाहकार समिति का गठन | BAF and NIAB
इस साझेदारी का मार्गदर्शन एक शोध सलाहकार समिति करेगी, जिसकी अध्यक्षता बाएफ और एनआईएबी के निदेशक करेंगे। यह समिति परियोजना की दिशा तय करेगी, अनुसंधान की निगरानी करेगी और यह सुनिश्चित करेगी कि लक्ष्यों को सफलतापूर्वक पूरा किया जाए।
यह सहयोग पशुधन क्षेत्र में तकनीकी नवाचार और बेहतर प्रबंधन पद्धतियों को बढ़ावा देने का एक महत्वपूर्ण कदम है, जिससे दीर्घकालिक लाभ किसानों और पशुपालकों को प्राप्त होंगे। Also Read – Best Cow Breed : डेयरी उद्योग के लिए सर्वश्रेष्ठ गाय की नस्लें : भरपूर दूध, कम लागत और अधिक मुनाफा