पढ़ाई और पारिवारिक जिम्मेदारियों का बेहतरीन संतुलन
Convocation Ceremony – बैतूल – अक्सर कहा जाता है कि शिक्षा प्राप्त करने की कोई उम्र नहीं होती, और नम्रता देवांगन ने इस बात को पूरी तरह से साबित कर दिखाया है। शादी और पारिवारिक जिम्मेदारियों के बावजूद, उन्होंने लगातार अपने शैक्षणिक सफर को जारी रखा। नम्रता ने तीसरी बार पोस्ट ग्रेजुएशन किया और इस बार समाजशास्त्र में गोल्ड मेडल हासिल किया है।
श्रीमती देवांगन ने पहले माइक्रोबायोलॉजी और अंग्रेजी विषयों में पोस्ट ग्रेजुएशन किया था, लेकिन समाजशास्त्र में उनकी नई दिलचस्पी ने उन्हें फिर से पढ़ाई के लिए प्रेरित किया। Also Read – सोशल मीडिया पर वायरल इस Jugaad के वीडियो ने लोगों के उड़ाए होश
कठिनाइयों के बावजूद बनीं टॉपर | Convocation Ceremony
नम्रता बताती हैं कि उन्होंने पहले गुरु घासीदास विश्वविद्यालय से माइक्रोबायोलॉजी और अंग्रेजी में मास्टर्स की डिग्री प्राप्त की थी। इसके बाद उन्होंने एमपीपीएससी 2009 की तैयारी की और इंटरव्यू तक पहुंचीं, लेकिन पारिवारिक जिम्मेदारियों के चलते उन्हें अपनी तैयारी बीच में ही छोड़नी पड़ी।
हालांकि, नम्रता ने हार नहीं मानी और एक बार फिर पढ़ाई में वापस लौट आईं। उन्होंने राजा शंकर शाह विश्वविद्यालय से समाजशास्त्र में एमए की डिग्री हासिल की और विश्वविद्यालय में प्रथम स्थान प्राप्त किया।
गर्व का पल | Convocation Ceremony
27 सितंबर 2024 को आयोजित विश्वविद्यालय के पहले दीक्षांत समारोह में, उन्हें उनकी उपलब्धि के लिए महामहिम राज्यपाल द्वारा गोल्ड मेडल से सम्मानित किया गया। यह सम्मान न केवल उनके लिए, बल्कि उन सभी महिलाओं के लिए प्रेरणा है जो अपनी पारिवारिक जिम्मेदारियों के साथ-साथ शिक्षा के क्षेत्र में भी ऊंचाइयां छूना चाहती हैं। Also Read – Jugaad Wali Bike : बंदे ने सेट किया ऐसा जुगाड़ की लगाम देते ही दौड़ने लगी बाइक
श्रीमती नम्रता देवांगन, आबकारी निरीक्षक सुरेंद्र कुमार देवांगन की धर्मपत्नी हैं, और उनका यह सफर दिखाता है कि यदि समर्पण और मेहनत हो, तो कोई भी सपना पूरा किया जा सकता है।