28 सितंबर को मनाया जाता है विश्व रेबीज दिवस
Rabies Prevention – भोपाल : पशुपालन विभाग ने नागरिकों को रेबीज जैसी गंभीर बीमारी से बचाने के लिए एक महत्वपूर्ण एडवाइजरी जारी की है। उप संचालक, पशु चिकित्सा सेवाएं ने बताया कि हर साल 28 सितंबर को विश्व रेबीज दिवस के रूप में मनाया जाता है, जिसमें इस साल की थीम है “रेबीज मुक्त भारत”। इस अवसर पर जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा, ताकि इस खतरनाक बीमारी के प्रति लोगों को सतर्क किया जा सके।
रेबीज क्या है? | Rabies Prevention
रेबीज एक विषाणु जनित रोग है जो सीधे तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करता है। यह मुख्य रूप से कुत्तों और उनसे संबंधित जानवरों के काटने से फैलता है। यह बीमारी बेहद घातक होती है और एक बार संक्रमित होने पर अगर समय पर इलाज न मिले, तो यह जानलेवा साबित हो सकती है। खास बात यह है कि कुत्ते के काटने के बाद रेबीज के लक्षण तुरंत न आकर कुछ दिनों से लेकर कई सालों तक बाद में भी दिखाई दे सकते हैं। Also Read – PM Tribal Advanced Village Campaign : प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान के तहत जिले के 554 गांवों का होगा समग्र विकास
रेबीज से बचाव के लिए तुरंत टीकाकरण जरूरी:
रेबीज से बचने के लिए कुत्ते के काटने के तुरंत बाद घाव को साबुन और पानी से अच्छी तरह से धोना चाहिए और फिर एंटीसेप्टिक ड्रेसिंग करना चाहिए। इसके साथ ही, निम्नलिखित समयावधि में रेबीज का टीकाकरण अनिवार्य है:
कुत्ते के काटने के तुरंत बाद | Rabies Prevention
तीसरे दिन
सातवें दिन
चौदहवें दिन
अट्ठाइसवें दिन
नब्बे दिन पर
इसके अलावा, जो लोग कुत्ते पालते हैं, उन्हें भी नियमित रूप से अपने पालतू कुत्तों का रेबीज के खिलाफ टीकाकरण कराना चाहिए। इसके लिए उन्हें निकटतम पशु चिकित्सालय में संपर्क करना चाहिए। Also Read – MP News : मोहन सरकार सख्त, जांच और कार्रवाई न करने वाले अफसर को होगी सजा
निष्कर्ष:
रेबीज जैसी घातक बीमारी से बचाव संभव है, अगर समय पर उचित कदम उठाए जाएं। जागरूकता और सही समय पर टीकाकरण से न केवल अपने पालतू जानवरों, बल्कि खुद को और अपने परिवार को भी इस खतरनाक रोग से सुरक्षित रखा जा सकता है।