GPS Toll Tax : जितना ट्रेवल उतना टोल लागू हुई नई व्यवस्था 

Spread the love

शुरुआती 20km का सफर हर दिन मुफ्त 

GPS Toll Tax – देश में अब GPS आधारित टोल टैक्स वसूली प्रणाली लागू हो गई है। भारतीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम (GNSS) पर आधारित टोल संग्रह प्रणाली शुरू की है, जो नेशनल हाईवे और एक्सप्रेसवे पर ‘पे एज यू यूज’ के आधार पर टोल चार्ज करती है।

GNSS से लैस निजी वाहन | GPS Toll Tax

नए नियमों के तहत, GNSS से लैस निजी वाहनों से नेशनल हाईवे पर प्रतिदिन 20 किमी तक की यात्रा के लिए कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा। इसके बाद वाहन जितनी अधिक दूरी तय करेंगे, उतनी ही दूरी के अनुसार टोल वसूला जाएगा। Also Read – iPhone 15 के दाम में दर्ज हुई बड़ी गिरावट, iPhone 16 होने वाला है लॉन्च 

फास्टैग अभी भी रहेगा जारी

इस नई प्रणाली का परीक्षण पूरा हो चुका है और हरियाणा के पानीपत-हिसार नेशनल हाईवे 709 पर इसका ट्रायल शुरू किया गया है। इसका लाभ उन वाहनों को मिलेगा, जो GNSS से लैस हैं। वर्तमान में GNSS से सुसज्जित वाहनों की संख्या कम है, इसलिए यह प्रणाली हाइब्रिड मोड में काम करेगी। इसका मतलब यह है कि टोल टैक्स की वसूली कैश, फास्टैग और ऑटोमेटिक नंबर प्लेट रिकग्निशन से भी की जाएगी।

कैसे काम करेगी व्यवस्था | GPS Toll Tax 

GNSS आधारित टोल कैसे काम करेगा? GNSS आधारित प्रणाली वाहन की यात्रा की गई दूरी और टोल स्थान का डेटा एकत्र करती है, जिससे डायनैमिक टोल चार्जिंग सक्षम होती है। इसका मतलब यह है कि आपको केवल उतनी दूरी का भुगतान करना होगा, जितनी आपने यात्रा की है। अभी, मैनुअल टोल प्रणाली के तहत आपको अतिरिक्त किलोमीटर के लिए भी भुगतान करना पड़ता है, चाहे आप उस स्थान पर गए हों या नहीं। GNSS सिस्टम यात्रा की सटीक दूरी के आधार पर टोल चार्ज करेगा।

टोल प्लाजा पर अलग लेन 

GNSS वाहनों के लिए टोल प्लाजा पर अलग लेन बनाई जाएगी। जब वाहन GNSS यूनिट से लैस होकर गुजरेंगे, तो यह यूनिट चार्ज प्रोसेस करने के लिए फिनटेक कंपनी को सिग्नल भेजेगी। यदि कोई नॉन-GNSS वाहन इन लेन में प्रवेश करता है, तो उससे दोगुना टोल वसूला जाएगा।

मौजूदा टोल वसूली प्रणाली | GPS Toll Tax

मौजूदा टोल वसूली प्रणाली वर्तमान में, देश में टोल टैक्स की वसूली फास्टैग और नकद के रूप में की जाती है। फास्टैग एक RFID (रेडियो फ्रिक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन) तकनीक पर आधारित स्टिकर है, जो वाहन की विंडस्क्रीन पर लगाया जाता है। टोल प्लाजा पर लगे कैमरे इस स्टिकर को स्कैन कर टोल राशि अपने आप फास्टैग वॉलेट से काट लेते हैं, जिससे टोल प्लाजा पर रुकने की आवश्यकता नहीं होती है और यात्रा सुगम होती है। Also Read – iPhone 16 : AI फीचर्स वाले नए iPhone की शुरू हुई बुकिंग, जल्द होगा अवेलेबल 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *