CM Dr Mohan Yadav : सीएम मोहन यादव की इस योजना की सराहना करते नहीं नहीं थक रहा यूनिसेफ  

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शिवराज सिंह चौहान ने की थी बस घोषणा 

CM Dr Mohan Yadav – संयुक्त राष्ट्र के एक संगठन ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की सराहना की है। इस संगठन का नाम यूनिसेफ (संयुक्त राष्ट्र बाल कोष) है, जो भारत समेत दुनिया के 190 देशों में बच्चों के हितों के लिए कार्य करता है। अब सवाल यह उठता है कि यूनिसेफ ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की तारीफ क्यों की है। इसके पीछे की बड़ी वजह यह है कि मुख्यमंत्री ने एक ऐसा काम किया है, जिसे न केवल भारत, बल्कि कई अन्य देशों ने भी नहीं किया है। दरअसल, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मध्य प्रदेश की बेटियों के सुरक्षित और स्वस्थ जीवन के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए उन्हें सैनेटरी पैड खरीदने के लिए आर्थिक सहायता देने की योजना शुरू की है।

केंद्र सरकार या भारत के किसी अन्य राज्य में ऐसी कोई योजना नहीं चल रही है। यही वजह है कि डॉ. मोहन यादव द्वारा सैनेटरी पैड के लिए आर्थिक सहायता देने की योजना ने वैश्विक स्तर पर ध्यान आकर्षित किया है। यूनिसेफ भी बच्चों के सुरक्षित स्वास्थ्य के लिए कई योजनाएं चलाता है, और इस कारण उसने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री की इस पहल की प्रशंसा की है। यूनिसेफ ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर एक कैरिकेचर शेयर करते हुए इस योजना की सराहना की है। Also Read – MP Sagar News : दीवार ढहने से हुई थी 9 बच्चों की मौत, CM ने कलेक्टर समेत 3 अधिकारियों को हटाया

योजना से आएगा बड़ा बदलाव | CM Dr Mohan Yadav

यूनिसेफ के मध्य प्रदेश संचार विशेषज्ञ अनिल गुलाटी ने नवभारत टाइम्स डॉट कॉम से बातचीत में बताया कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की सराहना यूनिसेफ ने की है। उन्होंने कहा कि इस योजना से निश्चित रूप से बड़ा बदलाव आएगा।

इस योजना की विशेषताएं क्या हैं?

11 अगस्त को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने स्कूल और कॉलेज की छात्राओं के खातों में सैनेटरी पैड खरीदने के लिए धनराशि अंतरित की। प्रत्येक छात्रा के खाते में 300-300 रुपये जमा किए गए हैं। इस योजना के तहत मुख्यमंत्री ने 19 लाख 6 हजार 137 छात्राओं के खातों में सिंगल क्लिक के माध्यम से 57 करोड़ 18 लाख 41 हजार 100 रुपये ट्रांसफर किए हैं।

सुप्रीम कोर्ट का दखल | CM Dr Mohan Yadav

10 अप्रैल 2023 को एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सभी स्कूलों और शैक्षणिक संस्थानों को छात्राओं को मुफ्त सैनिटरी पैड उपलब्ध कराने का निर्देश दिया था। शीर्ष अदालत ने सभी राज्यों से पीरियड्स के दौरान स्वच्छता को सुनिश्चित करने के लिए अपनी योजनाएं प्रस्तुत करने को कहा था। इसके बाद केंद्र सरकार ने घोषणा की थी कि छात्राओं को मुफ्त सैनिटरी पैड बांटने के लिए एक राष्ट्रीय नीति तैयार की गई है। हालांकि, अब तक ऐसी कोई योजना लागू नहीं हुई है। वर्ष 2019 में संस्था ‘दसरा’ द्वारा जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, हर साल 2.3 करोड़ लड़कियां माहवारी के दौरान स्वच्छता संबंधी सुविधाओं की कमी के कारण स्कूल छोड़ देती हैं।

शिवराज ने की थी घोषणा, लेकिन योजना नहीं हुई शुरू

6 जून 2015 को मध्य प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने छात्राओं को मुफ्त सैनिटरी नैपकिन प्रदान करने की घोषणा की थी। हालांकि, यह योजना तब लागू नहीं हो सकी। वहीं, मुख्यमंत्री मोहन यादव ने अपने 8 महीने के कार्यकाल के दौरान इस योजना को सफलतापूर्वक शुरू कर दिया। Also Read – MP News : 1981 में पारित नियम को मोहन सरकार ने किया खत्म, अब इन्हे नहीं मिलेगी सरकारी नौकरी

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