World’s Largest Dam : एक ऐसा डैम जिसने कम कर दी पृथ्वी के घूमने की रफ्तार

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वजह जान कर के आप भी हो जाएंगे हैरान

World’s Largest Dam – दुनिया अजीबो-गरीब चीजों से भरी है, और इंसानों ने ऐसे संरचनाएं बनाई हैं जिन्हें देखकर स्वयं भी हैरान रह जाते हैं। एक ऐसा ही उदाहरण है थ्री गोरजेस डैम, जो दुनिया का सबसे बड़ा बांध है। इसका आकार इतना विशाल और प्रभावशाली है कि इसके निर्माण ने धरती की घुमाव की गति को भी प्रभावित कर दिया है।

दुनिया का सबसे बड़ा बांध | World’s Largest Dam

दुनिया का सबसे बड़ा बांध चीन द्वारा बनाया गया है। थ्री गोरजेस डैम की लंबाई 2.3 किलोमीटर, चौड़ाई 115 मीटर और ऊचाई 185 मीटर है। यह विशाल पनबिजली बांध चीन के हुबेई प्रांत में यांग्जी नदी पर स्थित है, जो दुनिया की तीसरी सबसे लंबी नदी है। Also Read – Funny Viral Video : जैसे ही बदला चैनल तो एंकर ने जड़ दिया जोरदार झापड़

18 वर्षों में निर्मित

18 वर्षों में निर्मित इस बांध का आकार इतना विशाल है कि इससे उत्पन्न होने वाली ऊर्जा से आधा दर्जन देशों को रोशन किया जा सकता है। इसका मतलब यह है कि इस एक बांध से मिलने वाली बिजली से 6-7 छोटे देशों की बिजली आपूर्ति पूरी की जा सकती है।

ढाई लाख करोड़ रुपये से अधिक खर्च | World’s Largest Dam 

इस विशाल बांध के निर्माण पर ढाई लाख करोड़ रुपये से अधिक खर्च हुआ है। इसका निर्माण 1994 में शुरू हुआ था और 2012 में यह पूरी तरह से बनकर तैयार हुआ।

63,000 टन स्टील का प्रयोग

इस बांध के निर्माण में इतनी मात्रा में स्टील का उपयोग किया गया है कि इससे 5 से 6 एफिल टावर बन सकते हैं। रिपोर्ट्स के अनुसार, दुनिया के सबसे बड़े बांध के निर्माण में 63,000 टन स्टील का प्रयोग हुआ है।

पृथ्वी की घुमाव की गति को कर दिया धीमा  | World’s Largest Dam

इस बांध का आकार इतना विशाल है कि इसके भारी बोझ ने पृथ्वी की घुमाव की गति को धीमा कर दिया है। इसके कारण दिन थोड़े लंबे हो गए हैं। इस बांध में इतनी अधिक मात्रा में पानी संग्रहित की गई है कि इससे पृथ्वी का जड़त्वाघूर्ण प्रभावित हुआ है। परिणामस्वरूप, पृथ्वी की घुमाव की गति में कमी आने से एक दिन का समय 0.06 माइक्रोसेकंड बढ़ गया है, जिससे दिन कुछ लंबा हो गया है।

यह भी कहा जाता है कि थ्री गोरजेस बांध के निर्माण के कारण उत्तरी और दक्षिणी ध्रुव 2-2 सेंटीमीटर तक अपनी जगह से खिसक गए हैं। इसके अतिरिक्त, पृथ्वी अन्य ध्रुवों पर थोड़ी चपटी भी हो गई है।

इस बांध के निर्माण से पर्यावरण पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ा है। इस बांध ने पृथ्वी के वातावरण को प्रभावित किया है और इसके निर्माण के कारण आस-पास के क्षेत्रों में भूस्खलन और भूकंप के खतरे में वृद्धि हुई है। इसके अलावा, यह बांध वन्य जीवन पर भी नकारात्मक प्रभाव डाल रहा है। Also Read – Sanp Ka Video : खतरनाक सांप घुस गया कांवड़िए की शर्ट में, कैंची से काट कर निकाला

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