बताया सरकार की योजनाओं से बढ़ रही है किसानों की आय
Shivraj Singh Chauhan – सरकार किसानों की आर्थिक सहायता के लिए विभिन्न योजनाएं संचालित करती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि देश में किसान परिवारों की औसत आय क्या है? कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के अनुसार, प्रति माह आय के मामले में मेघालय के किसान परिवार पहले स्थान पर हैं, जबकि इस सूची में झारखंड का किसान परिवार सबसे नीचे है।
कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दी जानकारी | Shivraj Singh Chauhan
संसद में पूछे गए सवाल के जवाब में, कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जानकारी दी कि राष्ट्रीय प्रतिदर्श सर्वेक्षण कार्यालय (एनएसएसओ) और सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (एमओएसपीआई) ने ग्रामीण भारत में कृषि परिवारों की स्थिति का आकलन करने के लिए एक सर्वेक्षण (एसएएस) आयोजित किया। इस सर्वेक्षण के अनुसार, 2018-19 में विभिन्न राज्यों में प्रति कृषि परिवार की औसत मासिक आय अलग-अलग थी, और ऋणी कृषक परिवारों का प्रतिशत भी राज्यों में भिन्न-भिन्न था।Also Read – Kheti Kisani : ट्रैक्टर से जुताई की टेंशन खत्म, आज ही ले आएं ये छोटी सी मशीन
सालाना वृद्धि की गई दर्ज
मंत्री ने बताया कि पिछले पांच वर्षों में कृषि क्षेत्र में सकल मूल्य वर्धन (जीवीए) में 4 प्रतिशत की सालाना वृद्धि दर्ज की गई है। इस वृद्धि का श्रेय सरकार द्वारा लागू की गई विभिन्न योजनाओं को दिया जाता है। इन योजनाओं के सफल कार्यान्वयन के परिणामस्वरूप किसानों की आय में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) ने एक पुस्तक जारी की है, जिसमें 75,000 किसानों की कहानियां शामिल हैं जिन्होंने अपनी आय को दोगुना से भी अधिक कर लिया है।
राज्यों में औसत आय | Shivraj Singh Chauhan
कृषि मंत्री द्वारा दिए गए आंकड़ों के अनुसार, कुछ राज्यों में किसान परिवारों की मासिक आय 20 हजार रुपये से अधिक है। हालांकि, कई राज्यों में औसत आय है और कुछ में आय बहुत कम है। आय के मामले में मेघालय सबसे ऊपर है, जहां प्रति माह आय 29,348 रुपये है। वहीं, झारखंड इस सूची में सबसे नीचे है, जहां मासिक आय 4,895 रुपये है। उत्तर प्रदेश में किसान परिवारों की औसत मासिक आय 8,061 रुपये है।
किसानों की आय सहायता के लिए प्रमुख योजनाएं:
प्रधानमंत्री किसान योजना: किसानों को आय सहायता प्रदान करना।
प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना: फसलों की सुरक्षा के लिए बीमा योजना।
कृषि क्षेत्र के लिए संस्थागत ऋण: कृषि गतिविधियों को समर्थन देने के लिए ऋण की व्यवस्था।
न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी): उत्पादन लागत के डेढ़ गुना पर मूल्य निर्धारण।
जैविक कृषि को बढ़ावा: देशभर में जैविक कृषि प्रथाओं को प्रोत्साहित करना।
पर ड्रॉप मोर क्रॉप: जल प्रबंधन और सूक्ष्म सिंचाई को बढ़ावा देना।
सूक्ष्म सिंचाई निधि: सूक्ष्म सिंचाई के लिए वित्तीय सहायता।
किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) का समर्थन: एफपीओ को बढ़ावा देना।
राष्ट्रीय मधुमक्खी पालन और शहद मिशन: मधुमक्खी पालन और शहद उत्पादन को प्रोत्साहित करना।
कृषि मशीनीकरण: कृषि में आधुनिक मशीनों का उपयोग।
मृदा स्वास्थ्य कार्ड: किसानों को मृदा की गुणवत्ता संबंधी जानकारी उपलब्ध कराना।
राष्ट्रीय कृषि बाजार (ई-एनएएम): कृषि विपणन के लिए ऑनलाइन प्लेटफॉर्म का विस्तार।
राष्ट्रीय मिशन ऑयल पाम: खाद्य तेलों के उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए मिशन।
कृषि अवसंरचना निधि: कृषि अवसंरचना को सुधारने के लिए वित्तीय सहायता।
कृषि उपज लॉजिस्टिक्स में सुधार: किसान रेल की शुरुआत सहित लॉजिस्टिक्स में सुधार।
एकीकृत बागवानी विकास मिशन (एमआईडीएच): बागवानी क्षेत्र का समग्र विकास।
कृषि स्टार्ट-अप इकोसिस्टम: कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में स्टार्ट-अप्स को समर्थन।
कृषि निर्यात में उपलब्धि: कृषि और संबद्ध जिंसों के निर्यात में सफलता।
नमो ड्रोन दीदी योजना: केंद्रीय क्षेत्र की योजना, जो ड्रोन का उपयोग प्रोत्साहित करती है। Also Read – Kheti Kisani : गाय का ये दोष की वो फसल खाती है, और उसे लेकर पुलिस चौकी पहुंचे किसान