NPS : मोहन सरकार ने निकाला नया रास्ता, कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद मिलेगी भारी-भरकम राशि

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कर्मचारियों की शिकायत को देखते हुए लिया गया फैसला

NPS – नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस) के तहत रिटायरमेंट के बाद कम पेंशन मिलने की शिकायतों को देखते हुए, मध्यप्रदेश की मोहन सरकार ने एक नई पहल की है। इस कदम के तहत, राज्य सरकार ने प्रदेश के 4 लाख एनपीएस कर्मचारियों को फंड मैनेजर का चुनाव करने की सुविधा प्रदान की है। इससे कर्मचारी अब अपने अनुसार फंड मैनेजर का चयन कर सकेंगे और अपने पेंशन योगदान को प्रभावी तरीके से निवेश कर पाएंगे, जिससे रिटायरमेंट के बाद उन्हें अधिक राशि प्राप्त हो सकेगी।

वित्त विभाग द्वारा जारी किया गया आदेश | NPS

निवेश पद्धति और पेंशन फंड मैनेजर के चयन से संबंधित आदेश वित्त विभाग द्वारा जारी किया गया है। वित्त विभाग के अनुसार, “राज्य सरकार ने एनपीएस कर्मचारियों के लिए योजना का विस्तार करते हुए निवेश पद्धति और पेंशन फंड मैनेजर के चयन का विकल्प प्रदान करने का निर्णय लिया है। इस व्यवस्था के तहत, राज्य के कर्मचारियों को पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (पीएफआरडीए) में रजिस्टर्ड पेंशन फंड मैनेजरों में से किसी एक को चुनने का विकल्प मिलेगा। कर्मचारियों को एक वर्ष में केवल एक फंड मैनेजर का चयन करने की अनुमति होगी और उन्हें निवेश के लिए विभिन्न विकल्प उपलब्ध रहेंगे। Also Read MPPSC Bharti 2024 : लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग में 1085 पदों पर निकली भर्ती

निवेश करने का विकल्प

इसमें फंड मैनेजर को कंसरवेटिव लाइफ साइकिल और मॉडरेट लाइफ साइकिल में निवेश करने का विकल्प मिलेगा। कंसरवेटिव लाइफ साइकिल में इक्विटी में निवेश की अधिकतम सीमा 25% होगी, जबकि मॉडरेट लाइफ साइकिल में यह सीमा 50% तक हो सकती है। सरकारी प्रतिभूतियों में पूरी तरह से निवेश करने का विकल्प भी उपलब्ध रहेगा, जिससे न्यूनतम जोखिम के साथ निर्धारित रिटर्न प्राप्त किया जा सकेगा।

मध्यप्रदेश में किया गया लागू | NPS

केंद्र सरकार ने 2019 में फंड मैनेजर चुनने की सुविधा प्रदान की थी, लेकिन मध्यप्रदेश में इसे अब लागू किया गया है। पहले, मध्यप्रदेश में कर्मचारियों की पेंशन अंशदान को केवल एसबीआई, यूटीआई और एलआईसी में ही निवेश किया जाता था। वर्तमान में, मध्यप्रदेश में एनपीएस के अंतर्गत लगभग 4.5 लाख कर्मचारी हैं। एनपीएस में कर्मचारियों की 10% राशि और राज्य सरकार की 14% राशि का योगदान होता है, जिसे शेयर बाजार में निवेश किया जाता है। अब, एसबीआई, यूटीआई और एलआईसी के अलावा अन्य कंपनियों में निवेश की सुविधा मिलने से कर्मचारियों को अधिक लाभ प्राप्त होगा। Also Read Ladli Behna Yojana : सावन के महीने में लाड़ली बहनों को सरकार दे रही है दोगुनी खुशी

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