Human Trafficking : छात्राओं को थाना प्रभारी ने मानव तस्करी के खतरों और बचाव के प्रति किया जागरूक

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सावधानीपूर्वक सोशल मीडिया का उपयोग करने की सलाह दी

“एक्सीस टू जस्टिस” कार्यक्रम के तहत मानव तस्करी के खिलाफ एक समग्र कानून की मांग

Human Traffickingबैतूल – विश्व मानव तस्करी दिवस के अवसर पर, प्रदीपन संस्था बोरगांव ने शासकीय एम.एल.बी. कन्या उच्चतर माध्यमिक स्कूल में जागरूकता अभियान आयोजित किया। इस अभियान में 750 बालिकाओं ने हिस्सा लिया और उन्हें मानव तस्करी के खतरों और बचाव के उपायों के बारे में जानकारी दी गई। प्रदीपन संस्था की काउंसलर दीपमाला खातरकर ने बताया कि “एक्सिस टू जस्टिस” कार्यक्रम के तहत 180 नागरिक समाज संगठन मानव तस्करी के खिलाफ एक समग्र कानून की मांग कर रहे हैं। इस कार्यक्रम में जिला महिला पुलिस थाना प्रभारी बबीता धुर्वे और थाना कोतवाली बैतूल से एसआई चित्रा कुमरे ने भी भाग लिया। उन्होंने बालिकाओं को शिक्षा पर ध्यान देने और सोशल मीडिया का सुरक्षित उपयोग करने की सलाह दी। संस्था की प्रमुख रेखा गुजरे ने मानव तस्करी के खिलाफ संगठित लड़ाई की आवश्यकता पर जोर दिया।

विभिन्न कारणों से की जाती है मानव तस्करी | Human Trafficking

काउन्सलर दीपमाला खातरकर ने बताया कि मानव तस्करी विभिन्न कारणों से की जाती है, जिनमें मजदूरी, देहव्यापार, विवाह, नौकरी, बेहतर जीवन की लालसा और सपनों का झांसा देना शामिल है। बाल श्रम, बंधुआ मजदूरी, घरेलू काम और चाइल्ड पोर्नोग्राफी के लिए भी मानव तस्करी की जा रही है। यह दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा संगठित अपराध है, जिसमें सबसे अधिक पीड़ित बच्चे और महिलाएं होती हैं। प्रदीपन संस्था ने 2023-24 में 28 बच्चों को मानव तस्करी से बचाया है। Also Read – MP News : प्रदेश में में दूध का उत्पादन हुआ जरूरत से ज्यादा, गोदामों में नहीं मिल्क प्रोडक्ट को रखने की जगह

बहकावे में न आएं | Human Trafficking

जिला महिला पुलिस थाना प्रभारी बबीता धुर्वे और थाना कोतवाली बैतूल की एसआई चित्रा कुमरे ने कार्यक्रम में भाग लिया। उन्होंने बताया कि मानव तस्करी के लिए संगठित गिरोह सक्रिय हैं, जो पैसों के लिए बालिकाओं और महिलाओं का उपयोग देह व्यापार, शादी, और अंगों की बिक्री के लिए करते हैं। बालिकाओं को अपनी शिक्षा पर ध्यान देना चाहिए ताकि वे अपना जीवन बेहतर बना सकें और किसी भी अज्ञात या परिचित व्यक्ति के बहकावे में न आएं। उन्होंने यह भी कहा कि सोशल मीडिया के उपयोग से मानव तस्करी को बढ़ावा मिला है, इसलिए इसका सोच-समझकर उपयोग करना आवश्यक है।

संस्था की प्रमुख रेखा गुजरे ने बताया कि मानव तस्करी के लिए नए-नए तरीके अपनाए जा रहे हैं, और इसके खिलाफ संगठित रूप से लड़ने की आवश्यकता है। शासन-प्रशासन भी इस दिशा में जिला और राज्य स्तर पर सक्रिय हैं। “न्याय तक पहुंच” कार्यक्रम के सहयोगी 180 गैर सरकारी संगठनों के गठबंधन ने अप्रैल 2023 से 2024 तक 18084 बाल दुर्व्यवहार के मामले दर्ज कराए और 29224 बच्चों को मुक्त कराया। उन्होंने सभी से आह्वान किया कि हम मिलकर मानव तस्करी के खिलाफ लड़ाई लड़ें और देश से इस घिनौने अपराध को समाप्त करें। Also Read – Ladli Behna Yojana : सावन के महीने में लाड़ली बहनों को सरकार दे रही है दोगुनी खुशी

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