Bel Patra Chadhane Ka Tarika : सावन के महीने में जानें बेलपत्र सीधा और उल्टा चढ़ाने के नियम

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Bel Patra Chadhane Ka Tarika – भगवान शिव का प्रिय माह सावन 22 जुलाई से शुरू हो चुका है। श्रावण मास में भगवान भोलेनाथ की पूजा करने से इच्छाएं पूरी होती हैं। महादेव को प्रसन्न करने के लिए शिव भक्त वे सभी उपाय अपनाते हैं, जिनका उल्लेख शास्त्रों में किया गया है। इनमें से एक सरल और महत्वपूर्ण उपाय है बेलपत्र चढ़ाना। माना जाता है कि बेलपत्र भगवान शिव को अत्यंत प्रिय है, और इसके बिना शिव की पूजा अधूरी मानी जाती है। सावन, शिवरात्रि, प्रदोष, सोमवार आदि व्रतों में बेलपत्र चढ़ाना अनिवार्य माना जाता है, क्योंकि शिवलिंग पर बेलपत्र अर्पित करने से भोलेनाथ को ठंडक प्राप्त होती है।

क्या आप जानते हैं कि शिवलिंग पर बेलपत्र चढ़ाने का सही तरीका क्या है? इसके लिए कौन सा मंत्र उपयोग में लाया जाता है?

इस बात का रखे ध्यान | Bel Patra Chadhane Ka Tarika

सबसे पहले, यह जानना महत्वपूर्ण है कि बेलपत्र में तीन पत्तियाँ होती हैं। भगवान शिव को अर्पित करते समय बेलपत्र में तीन पत्तियाँ होना अनिवार्य है, अन्यथा यह पूजा अपूर्ण मानी जाती है। बेलपत्र का चयन करते समय ध्यान रखें कि उसकी पत्तियाँ कटी-फटी न हों और उन पर कोई दाग-धब्बा न हो। बेलपत्र ताजा होना चाहिए और मुरझाया हुआ नहीं होना चाहिए। Also Read – NTPC Bharti : NTPC में नौकरी पाने का अच्छा मौका, विभिन्न पदों पर निकली भर्ती 

अच्छे से करें साफ़

बेलपत्र अर्पित करने से पहले उसे पानी से धोकर अच्छे से साफ करना चाहिए। इसके बाद, शिवलिंग पर जल अर्पित करने के बाद, बेलपत्र के चिकने हिस्से को शिवलिंग से छूना चाहिए। बेलपत्र को चिकने हिस्से की ओर से शिवलिंग पर चढ़ाना उचित होता है। बेलपत्र अर्पित करते समय आप बेलपत्र अर्पण मंत्र का जाप कर सकते हैं। यदि मंत्र याद न हो, तो आप “ॐ नमः शिवाय” का जाप भी कर सकते हैं।

बेल पत्र ना होने पर क्या करें | Bel Patra Chadhane Ka Tarika

यदि आप शिव मंदिर में हैं और आपके पास बेलपत्र नहीं है, तो चिंता करने की आवश्यकता नहीं है। आप शिवलिंग पर पहले से अर्पित बेलपत्र को उठाकर पानी से धो सकते हैं और फिर उसे पुनः शिवजी को अर्पित कर सकते हैं। पहले अर्पित किए गए बेलपत्र को दोबारा उपयोग में लाया जा सकता है, इसे अपवित्र नहीं माना जाता।

कितनी बेल पत्र चढ़ाएं

पूजा के दौरान आप शिवलिंग पर बेलपत्र 5, 11, या 21 की संख्या में अर्पित कर सकते हैं। यदि आप बेलपत्र पर “राम” नाम लिखकर अर्पित करेंगे, तो भगवान शिव को अत्यंत खुशी होगी।

ये है बेल पत्र चढाने का मन्त्र | Bel Patra Chadhane Ka Tarika

नमो बिल्ल्मिने च कवचिने च नमो वर्म्मिणे च वरूथिने च नमः श्रुताय च श्रुतसेनाय च नमो
दुन्दुब्भ्याय चा हनन्न्याय च नमो घृश्णवे॥

दर्शनं बिल्वपत्रस्य स्पर्शनम्‌ पापनाशनम्‌।
अघोर पाप संहारं बिल्व पत्रं शिवार्पणम्‌॥

त्रिदलं त्रिगुणाकारं त्रिनेत्रं च त्रिधायुधम्‌।
त्रिजन्मपापसंहारं बिल्वपत्रं शिवार्पणम्‌॥

अखण्डै बिल्वपत्रैश्च पूजये शिव शंकरम्‌।
कोटिकन्या महादानं बिल्व पत्रं शिवार्पणम्‌॥

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