Kisan Ka Jugaad : किसानों के ये पांच जुगाड़, जो कई सारी समस्याओं को कर देते हैं हल

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Kisan Ka Jugaad – भारत के किसान सदियों से कृषि के क्षेत्र में नई-नई तकनीकों और जुगाड़ों का इस्तेमाल करते आ रहे हैं। इन जुगाड़ों ने न केवल खेती की लागत को कम किया है बल्कि उत्पादन को भी बढ़ाया है। आइए जानते हैं ऐसे ही पांच जुगाड़ों के बारे में जो किसानों के लिए वरदान साबित हो रहे हैं।

1. पाइप से बना पानी पटाखा | Kisan Ka Jugaad

यह एक ऐसा जुगाड़ है जिसका इस्तेमाल किसान भाई खेतों में पानी पहुंचाने के लिए करते हैं। इसमें पाइप को इस तरह से जोड़ा जाता है कि पानी एक निश्चित दिशा में फूटता है। इससे पानी की बर्बादी कम होती है और पौधों तक पानी आसानी से पहुंच जाता है।

2. साइकिल से चलने वाली थ्रेसर:

यह जुगाड़ उन किसानों के लिए है जिनके पास महंगी मशीनें खरीदने के पैसे नहीं होते हैं। इसमें एक साइकिल को थ्रेसर से जोड़ा जाता है और पैरों से चलाकर फसलों की कटाई की जाती है। यह तरीका सस्ता और आसान होने के साथ-साथ पर्यावरण के लिए भी अनुकूल है।

3. लकड़ी और टिन से बना प्लांट प्रोटेक्टर | Kisan Ka Jugaad

यह जुगाड़ पौधों को पक्षियों और जानवरों से बचाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इसमें लकड़ी और टिन का उपयोग करके एक ढांचा बनाया जाता है जिसे पौधों के चारों ओर लगाया जाता है। यह तरीका सस्ता और आसानी से बनने वाला होता है। Also Read – MP News : सीएम राइज स्कूल के छत का गिरा छज्जा, 6 बच्चे हुए घायल

4. पुराने टायरों से बनी खाद:

यह जुगाड़ खाद बनाने के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इसमें पुराने टायरों को बारीक करके उनमें गोबर, भूसा और अन्य जैविक पदार्थ मिलाए जाते हैं। कुछ समय बाद यह मिश्रण खाद में बदल जाता है जिसका उपयोग पौधों को पोषण देने के लिए किया जाता है।

5. सौर ऊर्जा से चलने वाला पानी का पंप | Kisan Ka Jugaad

यह जुगाड़ उन इलाकों में उपयोगी है जहां बिजली की सुविधा नहीं है। इसमें सोलर पैनल का उपयोग करके पानी के पंप को चलाया जाता है। यह तरीका पर्यावरण के लिए अनुकूल होने के साथ-साथ बिजली की बचत भी करता है।

यह कुछ ही उदाहरण हैं उन अनेकों जुगाड़ों के जिनका इस्तेमाल भारतीय किसान अपने खेतों में करते हैं। ये जुगाड़ न सिर्फ उनके काम को आसान बनाते हैं बल्कि पैसे भी बचाते हैं।

इन जुगाड़ों से प्रेरणा लेकर हम यह सीख सकते हैं कि थोड़ी सी रचनात्मकता और लगन से हम मुश्किलों का आसानी से समाधान ढूंढ सकते हैं। Also Read – MP Railway : मध्य प्रदेश रेलवे को बजट में मिले 14738 करोड़ रूपये, जारी हैं 81 प्रोजेक्ट

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