सहारा इंडिया परिवार ने केंद्रीय मंत्री को याचिका सौंपकर उचित कार्यवाही की मांग की
Sahara India – बैतूल – सहारा इंडिया परिवार के लाखों निवेशक और कार्यकर्ता वर्तमान में असमंजस और संकट का सामना कर रहे हैं। करोड़ों रुपये अभी भी अटके हुए हैं, और हजारों कार्यकर्ता बेरोजगारी के कगार पर हैं। इस गंभीर स्थिति को लेकर सहारा इंडिया परिवार ने 20 जुलाई को बैतूल के सांसद और केंद्रीय राज्य मंत्री डीडी उइके को एक याचिका सौंपते हुए तुरंत कार्रवाई की मांग की है।
सहारा इंडिया परिवार के निवेशकों की समस्याएँ तब शुरू हुईं जब सहारा समूह की सहकारी समितियों से जुड़े करोड़ों निवेशकों की जमाराशि के भुगतान के लिए सर्वोच्च न्यायालय में याचिका दायर की गई। 29 मार्च 2023 को सर्वोच्च न्यायालय ने आदेश दिया कि सहारा समूह की सहकारी समितियों के प्रमाणित निवेशकों की वैध धनराशि के वितरण के लिए ‘केंद्रीय पंजीयक सहारा रिफंड पोर्टल’ का निर्माण किया जाए। Also Read – Guru Purnima 2024 : दादा कुटी खंजनपुर में आज होगा टिक्कड़-चटनी का वितरण
अमित शाह ने किया पोर्टल का उद्घाटन | Sahara India
गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने 18 जुलाई 2023 को इस पोर्टल का उद्घाटन किया और कहा कि पंजीकरण के बाद 45 दिनों के भीतर प्रत्येक जमाकर्ता के खातों में 10 हजार रुपये भेज दिए जाएंगे। हालांकि, एक साल पूरा होने को है और बैतूल जिले के लाखों निवेशक अभी भी इस लाभ से वंचित हैं। कुछ प्रतिशत निवेशकों को ही 10 हजार रुपये प्राप्त हुए हैं। शेष जमाराशि और ब्याज के भुगतान के बारे में अभी तक कोई स्पष्ट दिशा-निर्देश नहीं दिए गए हैं।
भ्रम और विवाद की स्थिति
वर्तमान में पोर्टल पर केवल 31 मार्च 2023 तक समाप्त हुए खातों का पंजीकरण किया जा रहा है। जिन खातों की परिपक्वता तिथि मार्च 2023 के बाद है और जिनका पूरा होना आज की तारीख तक नहीं हुआ है, उनके संबंध में कोई स्पष्ट दिशा-निर्देश न होने के कारण निवेशकों और कार्यकर्ताओं के बीच भ्रम और विवाद की स्थिति उत्पन्न हो रही है।
राज्य मंत्री से किया अनुरोध | Sahara India
इस याचिका में सहारा इंडिया के कार्यकर्ताओं ने राज्य मंत्री से अनुरोध किया है कि वे करोड़ों निवेशकों के भुगतान और लाखों सहारा इंडिया के कर्मचारियों की बेरोजगारी की समस्या को केंद्र सरकार के ध्यान में लाएँ। उन्होंने यह भी मांग की है कि सभी भुगतान सहकारी विभाग की निगरानी में सहारा इंडिया के काउंटर्स से किए जाएं, ताकि निवेशकों को आसानी से भुगतान मिल सके और संबंधित कर्मचारियों के रोजगार की बहाली हो सके। सहारा इंडिया के निवेशकों और कर्मचारियों की यह अपील है कि उनकी समस्याओं का शीघ्र समाधान किया जाए, जिससे वे अपना हक प्राप्त कर सकें और अपने जीवन को फिर से संवार सकें। Also Read –