Kheti Kisani Tips : किसान भाइयों का काम आसान बना देगी ये एक साथ 6 काम करने वाली मशीन

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खरीदने के लिए सरकार भी देती है सब्सिडी 

Kheti Kisani Tips – पिछले कुछ वर्षों में, खेती को लेकर लोगों की सोच में महत्वपूर्ण बदलाव आया है। अब, इसे एक बड़े व्यवसाय के रूप में भी देखा जाने लगा है, जो पहले सिर्फ औसत कमाई वाला कार्य माना जाता था। इस बदलाव का परिणाम यह है कि कई निजी कंपनियां भी अब कृषि क्षेत्र में निवेश कर रही हैं और खेती में अपनी किस्मत आजमा रही हैं।

खेती में तकनीकी उन्नति के चलते नए-नए उपकरणों का विकास हुआ है। इन्हीं उपकरणों में से एक प्रमुख उपकरण है सुपर सीडर। इस यंत्र की मदद से किसान धान की कटाई के बाद बिना खेत जोते सीधे गेहूं की बुवाई कर सकते हैं, जिससे उनकी मेहनत और समय दोनों की बचत होती है।

पराली का निस्तारण एक बड़ी समस्या | Kheti Kisani Tips

पहले, गेहूं की बुवाई के लिए किसानों को खेत में बची पराली को जलाना पड़ता था। लेकिन, नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) के आदेशों के बाद पराली जलाने पर प्रतिबंध लग गया, जिससे किसानों के लिए पराली का निस्तारण एक बड़ी समस्या बन गई।

सुपर सीडर नामक उपकरण की तकनीकी उन्नति ने इस समस्या का समाधान प्रस्तुत किया। यह यंत्र पराली को नष्ट करने के साथ-साथ खेत को जोतने की जरूरत के बिना कम खर्च में गेहूं की बुवाई करने में भी मदद करता है। Also Read – एक्ट्रेस तब्बू को Om Shanti Om के एक गाने में कैमियो के लिए महंगे गिफ्ट

सुपर सीडर एक उन्नत कृषि उपकरण

सुपर सीडर एक उन्नत कृषि उपकरण है जिसे ट्रैक्टर के साथ जोड़कर उपयोग में लाया जाता है। इसमें एक रोटावेटर और एक सीडर दोनों शामिल होते हैं। रोटावेटर का काम खेत की मिट्टी को जोतना और उसमें पराली की मल्चिंग करना होता है, जिससे पराली आसानी से खेत में मिल जाती है। इस प्रक्रिया के तुरंत बाद, सीडर गेहूं की बुवाई करता है। इसके अलावा, इस यंत्र का उपयोग करके बुवाई के साथ-साथ खाद भी डाली जा सकती है।

सुपर सीडर विभिन्न आकारों में उपलब्ध होता है, जैसे कि 7 फीट और 8 फीट के मॉडल। 7 फीट वाले सुपर सीडर से एक घंटे में लगभग 6 बीघा क्षेत्र में गेहूं बोया जा सकता है, जबकि 8 फीट वाले मॉडल से यह क्षमता बढ़कर 7 बीघा तक पहुंच जाती है। इस उपकरण के टैंक में 75 किलो गेहूं और 75 किलो खाद भरने की क्षमता होती है, जो बुवाई की प्रक्रिया को और भी कुशल बनाती है।

ट्रैक्टर की शक्ति महत्वपूर्ण | Kheti Kisani Tips

सुपर सीडर के रोटावेटर का उपयोग करने के लिए ट्रैक्टर की शक्ति महत्वपूर्ण होती है। उदाहरण के लिए, 7 फीट लंबे और 11 टाइन वाले रोटावेटर को चलाने के लिए कम से कम 50 हॉर्स पावर (HP) के ट्रैक्टर की आवश्यकता होती है। वहीं, अगर आप 8 फीट लंबे और 13 टाइन वाले रोटावेटर का इस्तेमाल कर रहे हैं, तो इसके लिए 60 हॉर्स पावर का ट्रैक्टर चाहिए।

रोटावेटर के साथ-साथ, खेत में बेहतर परिणाम पाने के लिए स्टील की बनी डिस्क का उपयोग भी किया जाता है, जो पीछे की ओर चलती है। यह डिस्क मिट्टी को सही ढंग से मिलाने और पराली के बेहतर निस्तारण में मदद करती है।

समय और डीजल दोनों की बचत

सुपर सीडर का उपयोग गेहूं की बुवाई में करने से किसानों के समय और डीजल दोनों की बचत होती है। पारंपरिक तरीकों में, गेहूं की बुवाई से पहले, खेत से पराली को हटाया जाता है। फिर, दो बार डिस्क हैरो का उपयोग करके खेत को जोता जाता है। इसके बाद, रोटावेटर से जुताई और कल्टीवेटर के माध्यम से गहरी जुताई की जाती है, फिर पाटा लगाकर खेत को समतल किया जाता है।

लेकिन सुपर सीडर का उपयोग करने से यह सारी मेहनत बच जाती है। धान की कटाई के बाद, किसान बिना किसी जुताई के सीधे गेहूं की बुवाई कर सकते हैं। इससे न केवल प्रक्रिया सरल हो जाती है, बल्कि पारंपरिक तरीकों की तुलना में अधिक कुशल और लागत प्रभावी भी हो जाती है।

सुपर सीडर खरीदने पर सब्सिडी | Kheti Kisani Tips

किसानों को सुपर सीडर के उपयोग के लिए प्रोत्साहित करने के लिए सरकार ने कई पहलें शुरू की हैं। उत्तर प्रदेश सरकार, उदाहरण के लिए, किसानों को सुपर सीडर खरीदने पर करीब 1 लाख 5 हजार रुपये की सब्सिडी प्रदान कर रही है। सुपर सीडर की कुल कीमत लगभग 2 लाख 60 हजार रुपये है।

इस सब्सिडी का लाभ उठाने के लिए, किसानों को उत्तर प्रदेश सरकार की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन आवेदन करना होता है। यह प्रोत्साहन योजना न केवल किसानों की आर्थिक सहायता करती है, बल्कि उन्हें नई तकनीकों को अपनाने के लिए भी प्रेरित करती है। Also Read – Shahrukh Khan के EMI न चुका पाने पर चली गई थी उनकी कार

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