Strange Punishment to Students : कॉलेज में मोबाइल इस्तेमाल कर रहे थे स्टूडेंट्स, फिर मिली अनोखी सजा

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सजा के तौर पर छात्र-छात्राओं से रोपित कराए गए 500 औषधीय पौधे 

Strange Punishment to Students – बैतूल – ओम आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज एण्ड हॉस्पीटल, भारत-भारती, जामठी में बी.ए.एम.एस. तृतीय वर्ष के छात्र-छात्राओं ने सजा के रूप में पौधारोपण किया। इस अनूठे कदम ने जहां पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा दिया वहीं विद्यार्थियों में जिम्मेदारी और सेवा भावना को भी जागृत किया।

कॉलेज में कक्षा के दौरान मोबाइल का उपयोग करते हुए पकड़े गए विद्यार्थियों को डॉ. संदीप पाल और अन्य शिक्षकों ने सजा के रूप में पौधारोपण करने का निर्देश दिया। इसे स्वीकार करते हुए, प्रत्येक विद्यार्थियों ने पौधे रोपित किए और उनकी देखभाल की जिम्मेदारी ली। इस प्रकार, बी.ए.एम.एस. सत्र 2020-21 के विद्यार्थियों ने लगभग 500 विभिन्न प्रजातियों के औषधीय पौधों का रोपण किया। डॉ. संदीप पाल और शिक्षकों ने पौधारोपण के पश्चात् छात्रों को माफी प्रदान की। यह प्रयास न केवल पर्यावरण संरक्षण की दिशा में महत्वपूर्ण साबित होगा, बल्कि इन पौधों से भविष्य में औषधि निर्माण किया जाएगा, जिसका उपयोग रोगियों के उपचार में धर्मार्थ होगा।

शिक्षा के साथ सेवा और जिम्मेदारी का पाठ | Strange Punishment to Students

डॉ. संदीप पाल ने बताया इस पहल का मुख्य उद्देश्य केवल सजा देना नहीं था, बल्कि छात्रों को पर्यावरण संरक्षण और औषधीय पौधों की महत्ता के प्रति जागरूक करना था। छात्रों ने इस सजा को सकारात्मक रूप में स्वीकार किया और इसे एक जिम्मेदारी और सेवा के रूप में निभाया। इस अनूठी पहल ने कॉलेज के अन्य छात्रों के लिए एक उदाहरण प्रस्तुत किया, समाज में भी एक सकारात्मक संदेश भेजा।


Strange Punishment to Students : कॉलेज में मोबाइल इस्तेमाल कर रहे थे स्टूडेंट्स, फिर मिली अनोखी सजा

शिक्षा का उद्देश्य केवल किताबी ज्ञान देना नहीं | Strange Punishment to Students

डॉ. संदीप पाल और अन्य शिक्षकों ने बताया कि शिक्षा का उद्देश्य केवल किताबी ज्ञान देना नहीं है, बल्कि जीवन के हर पहलू में छात्रों को जिम्मेदार और संवेदनशील बनाना है। इस प्रकार की सजा से छात्रों ने पर्यावरण के प्रति अपनी जिम्मेदारी को समझा और उसे निभाने का संकल्प लिया। इस प्रकार की सजा पर्यावरण के लिए लाभकारी है, छात्रों के लिए भी एक सीख है कि जिम्मेदारियां केवल कक्षा तक सीमित नहीं होतीं, बल्कि समाज और पर्यावरण के प्रति भी होती हैं। ओम आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज की यह पहल भविष्य में अन्य शैक्षणिक संस्थानों के लिए प्रेरणास्रोत बन सकती है, जहाँ सजा के रूप में सकारात्मक और रचनात्मक गतिविधियों को प्राथमिकता दी जाए। Also Read – Fake mangoes :7 हजार 5 सौ किलो नकली आम खाद्य विभाग ने किए जब्त, जाने कैसे करें पहचान

 

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